दीपक राव, भागलपुर: सबौर पंचवटी हाट की संगीता देवी ने मेहनत की तो सफलता उनका कदम चूमने लगी. कोरोना काल में संगीता के पति सुनील कुमार साह का शिक्षण सामग्री का कारोबार डूब गया. उस वक्त संगीता ने मशरूम उत्पादन से घर परिवार को आर्थिक तंगी से उबारा. वहीं अब मशरूम उत्पादन में इतना आगे बढ़ गयी कि प्रदेश के कृषि मंत्री ने उन्हें प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया. संगीता अब निम्न व मध्यवर्गीय महिलााओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ रही है.
संगीता ने बताया कि उनके पति का शिक्षण सामग्री बिक्री का व्यवसाय दुमका व भागलपुर में था. कोरोना काल कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया. ऐसे में अपने घर के अंदर व छत पर मशरूम उत्पादन का निर्णय लिया. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र, सबौर की कृषि वैज्ञानिक अनीता कुमारी से संपर्क किया.
केवीके के मार्गदर्शन में पहली बार 30 दिन में 10 टन कंपोस्ट तैयार किया. इसके बाद एक दिन में पहले पांच किलो तक मशरूम तैयार किया. अब तो 30 से 40 किलो तक प्रतिदिन बटन मशरूम उत्पादन वह करती हैं. बटन मशरूम के साथ-साथ ओयस्टर मशरूम का भी उत्पादन किया. दो टन मशरूम उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
संगीता ने बताया कि प्रयत्न फाउंडेशन संस्था बना कर 25 महिलाओं को प्रशिक्षित किया. उन्हें स्वरोजगार के प्रति प्रेरित कर रही हूं. शुरुआत में भागलपुर शहरी क्षेत्र में मशरूम की आपूर्ति कर रहे थे. अब तो जिले के विभिन्न क्षेत्र समेत झारखंड के पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा व दुमका में भी मशरूम भेज रही हूं. अभी तो बीज बाहर से मंगाना पड़ रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में खुद बीज तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इससे यहां के किसानों को भी आसानी से बीज उपलब्ध हो पायेगा.
आत्मा की ओर से जिला स्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी में बटन मशरूम उत्पादन के लिए प्रथम पुरस्कार मिला. इसमें उद्यान विभाग के सहायक निदेशक विकास कुमार, आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह आदि का प्रोत्साहन मिला. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के हाथों पुरस्कार पाकर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी हूं.
Posted By: Thakur Shaktilochan