Sankashti Chaturthi March 2021, Chaturthi Chandra Darshan Timings, Arghya, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Ganesh Puja Mantra: हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर आरंभ हो चुकी है. इसी के साथ संकष्टि चतुर्थी व्रत भी शुरू हो गयी है. जिस का समापन 3 मार्च दिन बुधवार की रात्रि 2 बजकर 59 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है. भगवान गणेश की पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा होती है.
आपको बता दें कि विघ्नहर्ता श्री गणेश की विधि विधान से इस दिन पूजा की जानी चाहिए. साथ ही साथ पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा अर्पित करनी चाहिए, लेकिन भूल कर भी तुलसी पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें मोदक बेहद पसंद है. ऐसे में तिल के मोदक का भोग भी लगाना चाहिए. इस दिन की व्रत कथा सुनें और शाम में चांद को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ें.
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है. महिलाएं चंद्र इस दिन चंद्रमा के उदित होने की प्रतीक्षा करते रहती है. ऐसे में आज 9 बजकर 41 मिनट पर चंद्रदेव उदित होने वाले हैं. जिस समय अर्घ्य दिया जाएगा.
संकष्टी चतुर्थी पर राहु काल का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. यह दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से शुरू होने वाला है जो शाम को 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
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संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा हेतु रखती है या संतान की प्राप्ति हेतु भी. साथी साथ उनकी लंबी आयु के अलावा मनोकामनाएं व संकट हरण हेतु भी इस व्रत को रखा जाता है.
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सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें
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उत्तर या पूर्व दिशा में पूजा करें
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साफ आसन या चौकी पर श्रीगणेश को स्थापित करें
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धूप-दीप से पूजा-अर्चना और आरती करें
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ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः मंत्रों का जाप करें
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लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का उन्हें भोग लगाएं
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शाम को व्रत कथा पढ़ें
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फिर चांद को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ें
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व्रत के बाद दान जरूर करें
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अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक
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अमृत काल: रात 09 बजकर 38 मिनट से देर रात 11 बजकर 06 मिनट तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक
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सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर
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सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 22 मिनट
Posted By: Sumit Kumar Verma