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राहुल गांधी ने कहा कि मोदी एक दुर्जेय शत्रु, दुश्मनों को कुचल देते हैं.
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जब यहां की जनता ने अंग्रेजों को वापस खदेड़ दिया तो मोदी क्या हैं.
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तमिलनाडु चुनावी सभा में राहुल बोले, नयी शिक्षा नीतियों में कई खामियां.
Tamilnadu Elections 2021 तिरुनेलवेल्ली (तमिलनाडु) : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक ऐसा ‘दुर्जेय शत्रु’ बताया, जो अपने विरोधियों को ‘कुचल’ देता है. इसके साथ ही गांधी ने प्रेम और अहिंसा के मार्ग पर चलकर मोदी को राजनीतिक गुमनामी में भेजने का संकल्प लिया. राहुल गांधी छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के दौरे पर हैं. आज दूसरे दिन सेंट जेवियर कॉलेज में ‘एजुकेटर्स मीट’ नामक एक परिचर्चा के दौरान राहुल ने कहा कि भाजपा को इस बार उखाड़ फेंकना है.
राहुल ने कहा कि यह लोगों के ‘शक्तिशाली’ और ‘मूल्यवान’ समर्थन से किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बड़े सपने देखना महत्वपूर्ण है, हालांकि हो सकता है कि उनमें से कुछ साकार नहीं हों. गांधी का परोक्ष तौर पर इशारा केंद्र में भाजपा से सत्ता लेने की ओर था. राहुल ने कहा, ‘हां, हम एक ऐसे दुर्जेय शत्रु (मोदी) से लड़ रहे हैं जो इस देश में धन को हावी कर रहा है. हम एक ऐसे शत्रु से लड़ रहे हैं जो अपने विरोधियों को कुचल रहा है. हालांकि हमने पहले ऐसा किया है, हमने इस नये दुश्मन की तुलना में बहुत बड़े दुश्मन (अंग्रेजों) को हराया है.’
उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को याद करते हुए कहा कि मोदी की तुलना में अंग्रेज अधिक शक्तिशाली थे. उन्होंने कहा, ‘ब्रिटिश साम्राज्य की तुलना में नरेंद्र मोदी क्या हैं? कुछ भी नहीं. इस देश के लोगों ने ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंका और उसी तरह हम नरेंद्र मोदी को नागपुर (महाराष्ट्र में आरएसएस मुख्यालय) वापस भेज देंगे.’
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राहुल का परोक्ष तौर पर कहने का यह मतलब था कि लोगों के समर्थन के साथ कांग्रेस के हाथों हार के बाद मोदी राजनीतिक गुमनामी में चले जायेंगे. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी या उनकी पार्टी के प्रति किसी भी घृणा, क्रोध या हिंसा के बिना हासिल किया जायेगा, भले ही वे (भाजपा) उनके खिलाफ ‘दुर्व्यवहार’ या ‘हिंसा’ का इस्तेमाल करें. कांग्रेस तमिलनाडु में द्रमुक की सहयोगी है और भाजपा सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सहयोगी है.
कांग्रेस नेता ने एक अन्य प्रतिभागी के सवाल के जवाब में आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने अपने कई विचारों में ‘हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने’ का दावा किया है, लेकिन वास्तव में इसका उस आस्था से कोई लेना-देना नहीं है. गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म लोगों का अपमान करना, लोगों को मारना या पीटना नहीं सिखाता है, ‘लेकिन वे ऐसा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सार प्रेम है, लेकिन केंद्र सरकार का ‘पूरा खेल’ किसानों सहित आम लोगों के पैसे कृषि कानून जैसी पहलों के जरिए चुराना और उसे बड़े उद्योगों को देना है.
राहुल ने कहा कि उन्हें केंद्र की नयी शिक्षा नीति, 2020 भी पसंद नहीं है. जब एक प्रोफेसर ने आरोप लगाया कि एनईपी एजेंडा से प्रेरित है, तो गांधी ने कहा कि शिक्षा संबंधी कोई भी नीति छात्रों और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श का परिणाम होनी चाहिए. उन्होंने दावा किया, ‘दुर्भाग्य से यह नहीं किया गया.’ उन्होंने कहा कि इसके जरिए केंद्र के हाथों में बहुत अधिक शक्ति केंद्रित की गई है और यह शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए लाई गई है.
उन्होंने कहा कि हालांकि एनईपी में लचीलेपन का एक सकारात्मक पहलू है, लेकिन, यह एक विशेष विचारधारा को भारतीय प्रणाली पर थोपने के लिए एक सांप्रदायिक हथियार है और यही कारण है कि मुझे यह पसंद नहीं है. उन्होंने अधिक छात्रवृत्ति का समर्थन किया ताकि अधिक से अधिक गरीब छात्रों को शिक्षा मिले. गांधी ने महिला सशक्तीकरण को भी रेखांकित किया. शिक्षा को समवर्ती सूची से संविधान की राज्य सूची में वापस लाने की मांग पर उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता. हम इसे देखेंगे.’
Posted By: Amlesh Nandan.