नयी दिल्ली : कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर देश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू हो रहा है. दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के साथ-साथ 45 साल से अधिक उम्र के वैसे लोगों, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, को वैक्सीन दी जायेगी.
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वैक्सीनेशन कार्यक्रम को दो समूहों में बांटा गया है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन दी जायेगी, जबकि निजी अस्पताल वैक्सीन देने के लिए 250 रुपये तक का शुल्क प्रति खुराक ले सकते हैं.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेवाई) के तहत देश के करीब आठ हजार निजी अस्पतालों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत 600 से अधिक अस्पतालों और राज्य सरकार के अधीन अन्य निजी अस्पतालों में सूचीबद्ध किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि ”एबी-पीएमजेवाई के तहत अस्पतालों और सीजीएचएस के तहत राज्य 687 अस्पतालों में कोरोना वैक्सीनेशन केंद्र का उपयोग कर सकते हैं, जो प्रति व्यक्ति प्रति खुराक 250 रुपये तक शुल्क वसूल सकते हैं.”
गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए सरकार ने सूची जारी की है. इसके अनुसार, पिछले एक वर्ष में दिल का दौरा पड़ने पर अस्पताल में भर्ती हुआ हो, पोस्ट कार्डियक ट्रांसप्लांट / लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस, सिग्निफिकेंट लेफ्ट वेट्रीकुलर सिस्टोलिक डिसफंशन, मॉडरेट या सिवियर वेल्वुलर हार्ट डिसीज, कंजेनिटल हार्ट डिसीज विद सिवियर पीएएच ऑर इडियोपैथिक पीएएच, कोरोनरी आर्टरी डिसीज और हाइपरटेंशन/डायबिटीज, एन्गिना और हाइपरटेंशन / डायबिटीज ट्रीटमेंट, सीटी/एमआरआई डोक्यूमेंटेड स्ट्रोक और हाइपरटेंशन/डायबिटीज, पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन एंड हाइपरटेंशन / डायबिटीज, डायबिटीज ( 10 साल और जटिलताओं के साथ) और हाइपरटेंशन, किडनी / लीवर / हेमैटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट करा चुके मरीजों को शामिल किया गया है.
इसके अलावा एंड स्टेज किडनी डिसीज ऑन हैमोडायलिसिस/सीएपीडी, मौजूदा समय में ओरल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स का इस्तेमाल, डिकंपेन्सेटेड सिरोसिस, पिछले दो वर्षों के दौरान गंभीर श्वसन रोग के कारण भर्ती हुए हो, लिम्फोमा/ल्यूकोमिया/मिलोमा, एक जुलाई, 2020 या उसके बाद किसी भी कैंसर की पुष्ट या फिर कैंसर थेरेपी, सिकल सेल डिसीज/बोम मैरो फेल्योर/एप्लास्टिक एनीमिया/थैलासेमिया मेजर, प्राइमरी इम्यूनोडिफिएंसी डिसीज/एचआईवी संक्रमण और टेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज से अपंगता/मस्कुलर डिस्ट्रोफी/एसिड अटैक से श्वसन तंत्र पर असर होना/ अधिक दिव्यांग व्यक्ति/अंधापन-बहरापन से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जायेगी.