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पीएम मोदी ने किया इंडियन टॉय फेयर का उद्घाटन
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कार्यक्रम में बतायी भारतीय खिलौनों की विशेषता
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खेल-खेल में बच्चे सीखते हैं विज्ञान और मनोविज्ञान: मोदी
Virtual India Toy Fair के उद्घाटन समारोह में भारतीय खिलौनों ’की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय खिलौने न केवल बच्चों का मनोरंजन करते हैं बल्कि बच्चों को वैज्ञानिक सिद्धांतों की दुनिया में शुरुआत करने में भी मदद करते हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा देश के पहले toy fair कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए पीएम मादी ने कहा कि ये कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी का काम करेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय खेल और खिलौनों की यह खूबी रही है कि उनमें ज्ञान के साथ साथ विज्ञान , मनोरंजन मनोविज्ञान भी होता है. लट्टू न सिर्फ एक खेल है, बल्कि gravity और balance का पाठ भी सिखाता है. वैसे ही गुलेल से खेलता बच्चा जाने-अनजाने में Potential से Kinetic Energy के basics भी सीखने लगता है.Puzzle toys से रणनीतिक सोच और समस्या को सुलझाने की सोच विकसित होती है.
उन्होंने आगे कहा ,खिलौनों के क्षेत्र में भारत के पास ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी दोनो है, जिसके दम पर भारत दुनिया को eco-friendly toys की ओर वापस लेकर जा सकते हैं. उन्होंने कहा हमारे software engineers computer games के जरिए भारत की कहानियों को दुनिया तक पहुंचा सकते हैं.
भारतीय जीवनशैली की तरह भारतीय खिलौनों भी Reuse और recycling का हिस्सा है. यहां के ज़्यादातर खिलौने प्राकृतिक और eco-friendly चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं.
पीएम मोदी ने कहा , Made in India के मांग के साथ साथ Handmade in India की भी मांग आज पुरी दुनिया में बढ़ रही है.आज लोग खिलौनों को केवल एक प्रोडक्ट के रूप में ही नहीं खरीदते हैं बल्कि उस खिलौने से जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं. इसलिए हमें Handmade In India को भी promote करना होगा. इसके लिए National Toy Action Plan भी तैयार किया गया है इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग आत्मनिर्भर भारत योजना में अपना योगदान से सके.
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उन्होंने देश के toy manufacturers से भी अपील की है कि वे ऐसे खिलौने बनाएं जो ecology और psychology दोनों के लिए ही बेहतर हों, ताकि खिलौनों में कम से कम प्लास्टिक इस्तेमाल हो सके.
Posted By: Pawan Singh