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कोच भारतीय रेल नेटवर्क के चयनित मार्गों पर किए जा रहे हैं संचालित
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विस्टाडोम कोच का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री किया गया है
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रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर जारी किया विस्टाडोम कोच का वीडियो
Indian Railways Latest News : रेलगाड़ी से सैर-सपाटा करने वालों के लिए एक जरूरी खबर है. भारतीय रेलवे सवारियों के सफर को यूरोपीय देशों की तरह आरामदायक और यादगार बनाने के लिए हाईटेक फैसिलिटी उपलब्ध कराने का फैसला किया है. इसके लिए रेलवे की ओर से विस्टाडोम कोच की शुरुआत की गई है. ये कोच यूरोपीय शैली पर तैयार किए गए हैं. इसमें यात्रियों को आरामदायक हाईटेक सफर का लुत्फ मिलता है.
चेन्नई में तैयार किया गया है खास प्रकार का कोच
आपको बता दें कि नए विस्टाडोम पर्यटक कोच का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा किया गया है. विस्टाडोम पर्यटक कोच यूरोपीय शैली के कोच हैं. इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए तकनीकी रूप से उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और ट्रेन यात्रा के दौरान उन्हें मनोरम दृश्य पेश करते हैं.
रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें यूरोपीय शैली के इन कोचों को दिखाया गया है. भारतीय रेलवे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि विस्टाडोम कोच का दौरा करें! विस्टाडोम कोच यात्री के सफर के अनुभव को काफी अलग बनाता है. विस्टाडोम के डिब्बों में सवारी का आनंद लें और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं.
https://twitter.com/RailMinIndia/status/1364772959840182277
ये है विस्टाडोम कोच की खासियत
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इन कोचों में कांच की बड़ी खिड़कियां लगी हैं, कांच की छत है और ऑवजरवेशन लाउंज की सुविधा भी है.
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यात्रियों के लिए रोटेशनल वाली सीट्स हैं.
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विस्टाडोम कोच में सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं, ताकि वे ट्रेन की गति की दिशा के हिसाब से यात्री बिना किसी परेशानी के मूवमेंट कर सकें.
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कोच में वाई-फाई-आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी दी गई है.
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कांच की खिड़कियों को ग्लास शीट से भी लैमिनेट किया गया है, जिससे उन्हें टूटने से बचाया जा सके.
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नए विस्टाडोम कोच में एयर-स्प्रिंग सस्पेंशन की भी सुविधा है.
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इसके अलावा, ऑवजरवेशन लाउंज के एक तरफ बहुत बड़ी सी विंडो दी गई है.
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हर यात्री की सीट के नीचे मोबाइल चार्जिंग सॉकेट भी दिए गए हैं.
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इसके अलावा, डिजिटल डिस्प्ले और स्पीकर की भी सुविधा है.
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यात्री अपनी पसंद का गाना सुन सकते हैं और कुछ भी देख सकते हैं.
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विकलांग लोगों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने प्रवेश द्वार को दोनों तरफ से खोलने वाला बनाया है.
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कोच में ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर दिए गए हैं.
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कोच में जीपीएस सिस्टम, सन-इन टाइप एलईडी डेस्टिनेशन बोर्ड, स्टेनलैस स्टील मल्टी-टियर लगेज रैक, रिफ्रेशमेंट के लिए मिनि पैंट्री, माइक्रोबेव अवन, कॉफी मेकर, वॉटर कूलर, रेफ्रिजरेटर और वॉशवेसन की सुविधा भी दी गई है.
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नए कोच ऑनबोर्ड सर्विलांस के लिए एक सीसीटीवी प्रणाली से भी लैस हैं.
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इन कोच का इंटीरियर भी काफी अच्छा है. साथ ही, एफआरपी मॉड्यूलर टॉयलेट्स हैं.
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ये कोच भारतीय रेल नेटवर्क के चयनित मार्गों पर संचालित किए जा रहे हैं.
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इनमें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, कश्मीर घाटी, कालका-शिमला रेलवे, मुंबई में दादर के बीच माथेरान हिल रेलवे और अराकू घाटी में मैडोगन रेलवे शामिल है.
Posted by : Vishwat Sen
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