बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Budget Session) के तीसरे दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)ने जवाब दिया. विपक्ष खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के कई सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है.
सीएम ने कहा कि हर घर बिजली के बाद अब हर खेत बिजली की मुहिम पूरी करने में सरकार जुट गयी है. 2005 में बिहार में 700 मेगावाट बिजली की खपत थी, जो वर्तमान में बढ़कर पांच हजार 932 मेगावाट हो गयी है. इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव टोका-टाकी करने लगे, तो सीएम ने कहा कि यह आंकड़ा उस समय का है, जब आप गोद में खेलते थे. आपको हम भी गोद में खेलाये हुए हैं. इस पर पूरे सदन में जोरदार ठहाका लगा. सीएम ने कहा- हमारी बात सुनिये आगे काम आयेगा…सिर्फ हो-हो करने से कुछ होगा क्या….हम एक-एक सवालों का जवाब देंगे.
उन्होंने कहा कि बिहार के प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की योजना को केंद्र ने भी अपनाया है. इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में 2006 में ही कृषि क्षेत्र से जुड़ा एपीएमसी कानून समाप्त कर दिया गया था. इस पर उस समय विपक्षी सदस्य जुलूस लेकर राजभवन तक गये थे. यही लोग आज केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने बिहार में धान, गेहूं, सब्जी, फल, मक्का समेत अन्य के उत्पादन में 2005-06 की तुलना में 2020-21 में हुई वृद्धि से जुड़ा विस्तृत आंकड़ा पेश किया.
साथ ही यह भी कहा कि यह सही है कि राज्य में उद्योग नहीं बढ़े हैं. लेकिन, व्यापार और प्रति व्यक्ति आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सभी सड़कों और भवनों के रखरखाव का काम अब संबंधित विभाग ही अपने स्तर पर करेंगे. विभागों के इंजीनियरों का काम सिर्फ टेंडर निकालना और काम करवाना ही नहीं है. इससे संबंधित एक विस्तृत कार्ययोजना जल्द ही जारी कर दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित विभाग उठायेंगे. सीएम ने कहा कि कई बार बिना काम हुए ही भुगतान हो जाता है. इस तरह की कोई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने सभी सदस्यों से कहा कि उनके क्षेत्र में किसी सड़क, पुल समेत अन्य में गड़बड़ी है, तो वे विभागीय मंत्री या उनसे इसकी सीधे शिकायत करें.
इसके लिए आरोपित पदाधिकारी या ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 में छूटी हुई ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जायेगा. कई गांवों को मिलाकर पास के बड़े शहर से जोड़ने वाली सड़क का भी निर्माण कराया जायेगा. लोक शिकायत निवारण कानून में भी सड़क मरम्मत के मामलों को शामिल किया गया है.
Posted By: Utpal Kant