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बिहार में फिर बढ़ेगा कोरोना जांच का दायरा, मुख्यमंत्री बोले- खतरा अभी टला नहीं है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर अब भी सचेत रहने की जरूरत है. इसका खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. कोरोना जांच के दायरे को फिर से बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर अब भी सचेत रहने की जरूरत है. इसका खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. कोरोना जांच के दायरे को फिर से बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं.

उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही स्वास्थ्य कर्मियों समेत सभी फ्रंटलाइन वर्कर के लिए कोरोना टीकाकरण का दूसरा दौर शुरू होने जा रहा है. साथ ही 50 वर्ष से ज्यादा के सभी बुजुर्गों और किसी भी उम्र के गंभीर बीमारी से पीड़ित सभी व्यक्तियों का टीकाकरण किया जायेगा.

मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की तरफ से जवाब दे रहे थे.

पहले विधानसभा में फिर विधान परिषद में बारी-बारी से सरकार की ओर से जवाब देते हुए उन्होंने सभी सदस्यों से भी कहा कि वे मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं. विधानसभा में अध्यक्ष ने भी मास्क का बंदोबस्त करवा रखा है. सभी अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करें.

अपने भाषण के दौरान सीएम ने नेता प्रतिपक्ष समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं की टोका-टाकी या कटाक्ष का करारा जवाब दिया. विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने वाकआउट किया. इस पर सीएम ने कहा कि जाइए और बाहर जाकर टीवी पर मेरा जवाब सुनियेगा, आप लोगों के एक-एक आरोप का विस्तार से जवाब देने जा रहे हैं.

बाल ह्रदय योजना में आइजीआइएम और आइजीआइसी में भी इलाज

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दिल में छेद लिये जन्मे बच्चों का मुफ्त इलाज कराने के लिए बाल ह्रदय योजना शुरू की गयी है. इसके लिए अहमदाबाद स्थित शांति रिसर्च एंड फाउंडेशन सेंटर से करार किया गया है, जहां बिहार के ऐसे बच्चों का सरकारी खर्च पर इलाज होगा. साथ ही ऐसे बच्चों के इलाज के लिए पटना के आइजीआइएमएस और आइजीआइसी संस्थानों में जल्द ही व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा 1700 स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडल और जिला अस्पतालों को टेली मेडिसिन सुविधा से जोड़ने की भी पहल शुरू कर दी गयी है.

विभाग ही अब करेंगे भवन और सड़क के रखरखाव का काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सभी सड़कों और भवनों के रखरखाव का काम अब संबंधित विभाग ही अपने स्तर पर करेंगे. विभागों के इंजीनियरों का काम सिर्फ टेंडर निकालना और काम करवाना ही नहीं है. इससे संबंधित एक विस्तृत कार्ययोजना जल्द ही जारी कर दी जायेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित विभाग उठायेंगे.

सीएम ने कहा कि कई बार बिना काम हुए ही भुगतान हो जाता है. इस तरह की कोई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने सभी सदस्यों से कहा कि उनके क्षेत्र में किसी सड़क, पुल समेत अन्य में गड़बड़ी है, तो वे विभागीय मंत्री या उनसे इसकी सीधे शिकायत करें. इसके लिए आरोपित पदाधिकारी या ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 में छूटी हुई ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जायेगा. कई गांवों को मिलाकर पास के बड़े शहर से जोड़ने वाली सड़क का भी निर्माण कराया जायेगा. लोक शिकायत निवारण कानून में भी सड़क मरम्मत के मामलों को शामिल किया गया है.

Posted by Ashish Jha

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