सात निश्चय में सभी वर्ग यानी युवा, महिला, किसान, कनेक्टिविटी सहित गांव, शहर , स्वास्थ्य सभी पर ध्यान है. शिक्षा, कृषि आर ग्रामीण विकास से आम लोगों को बहुत फायदा होगा.
वर्ना गांगुली
अर्थशास्त्री
बिहार सरकार द्वारा 2021-22 का बजट एक संतुलित बजट है. जिसमें शिक्षा और ग्रामीण विकास पर अधिक ध्यान दिया गया है. अगर हम इन दोनों बातों का ध्यान से विश्लेषण करें, तो पायेंगे कि दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं.
राज्य में शिक्षा बढ़ेगी, तो विकास खुद- ब- खुद बढ़ेगा, क्योंकि बिहार एक ग्रामीण राज्य है, तो यह विकास बेहतर होगा. यह एक खुशी की बात है कि कोरोना काल में भी हमारा बजट रेवेन्यू सरप्लस है.
9139.90 करोड़,जो कि जीएसडीपी का 1.21 प्रतिशत है. वहीं, सोशल सेक्टर के साथ कृषि व सिंचाई पर भी ध्यान दिया गया है. यही नहीं यह टोटल पैकेज है. सभी सेक्टरों पर ध्यान दिया गया है.
राज्य सरकार का इस कोरोना काल में इस तरह का बजट पेश करना अपने आप में काबिले तारीफ है, जबकि कोराना काल में कोरेंटिन सेंटर में लोगों के रहने की व्यवस्था और उनकी आर्थिक मदद, वृद्धजन पेंशन सहित आपदा में कई तरह से खर्च किये गये हैं.
बजट की सबसे खास बात यह है कि महिला शिक्षा को लेकर हर बजट में जोर दिया जाता है,लेकिन इस बार महिला उद्यमिता पर भी ध्यान दिया गया है. यह बहुत बढ़िया है. अगर देखा जाये, तो महिला उद्यमी दो प्रतिशत से भी कम हैं.
सरकार के इस बजट के बाद बिहार में महिलाएं और आत्मनिर्भर होंगी. वह रोजगार कर पायेंगी और इसके लिए सरकार खुद मदद करेगी. इस बजट का दूसरा आकर्षण है सात निश्चय पार्ट- टू, जिसमें 476 करोड़ का आवंटन किया गया है.
सात निश्चय में सभी वर्ग यानी युवा, महिला, किसान, कनेक्टीविटी सहित गांव, शहर, स्वास्थ्य सभी पर ध्यान है. शिक्षा, कृषि आर ग्रामीण विकास से आम लोगों को बहुत फायदा होगा. अगर पिछले साल के बजट अनुमान को देखें, तो इसमें 3.09 प्रतिशत की वृद्धि है.
इस बजट में राजस्व व्यय 81.1 प्रतिशत है, जबकि पूंजीगत व्यय 18.9 प्रतिशत है. यानी सरकार का फोकस जन कल्याण पर है.
Posted by Ashish Jha