पटना. सरकार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के बजट में पिछले साल की तुलना में 32.47 की वृद्धि कर दी है. पशुधन विकास, दुग्ध उत्पादन, मछली पालन आदि पशु आधारित कारोबार को बढ़ावा दिया है. दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रसंस्करण की क्षमता को तीन साल के अंदर दो गुना करने का लक्ष्य रखा गया है.
इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे. पशुओं में फैलने वाली खुरहा, मुंहपका रोग, गला घोंटू , लंगड़ी बुखार और भेड़ बकरियों की सुरक्षा के लिये पीपीआर रोग के खिलाफ सरकार की जंग जारी रहेगी. टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जायेगा. विभिन्न योजनाओं का लाभ देने को पशुओं की इयर टैगिंग की जायेगी.
पशुओं की नस्ल सुधार को 84.2748 करोड़ की लागत से मरंगा पूर्णिया में नया सीमेन स्टेशन स्थापित किया गया है. राज्य के सभी वर्गों के किसानों और दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों, बेराेजगार युवक व युवतियों को समग्र गव्य विकास योजना के तहत ऋण सह अनुदान पर डेयरी फार्मिंग योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे. किशनगंज में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना के अलावा वेटेरनरी कॉलेज पटना के आधारभूत संरचना का निर्माण किया जायेगा.
स्कीम मद – 1176.96 करोड़
स्थापना – 384.76 करोड़
कुल – 1561.72 करोड़
बजट में पहली बार छठ महापर्व के लिए भी काम किया जायेगा. इसके लिए सभी प्रमुख सार्वजनिक तालाबों एवं नदियों के घाटों पर सीढ़ी व कपड़े बदले वाले रूम बनाये जायेंगे. इसके अलावा सभी शहरों के महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम का निर्माण कराया जायेगा. वहां लोगों को दाहसंस्कार करने की सुविधा रहेगी. सभी शहरों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था होगी.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha