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Jharkhand News : रिम्स ब्लड बैंक ने नहीं दिया खून, रिम्स में भर्ती सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित गुमला के बच्चे की हो गयी मौत, मजदूर पिता ने पूछा-कौन लेगा मौत की जिम्मेदारी

Jharkhand News, Ranchi News, रांची न्यूज : झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स ब्लड बैंक ने शनिवार को बिना डोनर के खून देने से इनकार कर दिया, जिससे रिम्स के शिशु विभाग में भर्ती सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित गुमला के रेशु महली (12 वर्ष) की मौत हो गयी. सिकल सेल से पीड़ित होने के कारण बच्चे को तत्काल 'ए पॉजिटिव ' खून की जरूरत थी. पिता खून के लिए ब्लड बैंक व वार्ड का चक्कर लगाते रह गये, लेकिन खून की व्यवस्था नहीं हो सकी. इस बीच बच्चे की मौत हो गयी. पिता ने पूछा कि मेरे बेटे की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा.

Jharkhand News, Ranchi News, रांची न्यूज : झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स ब्लड बैंक ने शनिवार को बिना डोनर के खून देने से इनकार कर दिया, जिससे रिम्स के शिशु विभाग में भर्ती सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित गुमला के रेशु महली (12 वर्ष) की मौत हो गयी. सिकल सेल से पीड़ित होने के कारण बच्चे को तत्काल ‘ए पॉजिटिव ‘ खून की जरूरत थी. पिता खून के लिए ब्लड बैंक व वार्ड का चक्कर लगाते रह गये, लेकिन खून की व्यवस्था नहीं हो सकी. इस बीच बच्चे की मौत हो गयी. पिता ने पूछा कि मेरे बेटे की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा.

ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बिना डोनर के मुफ्त में खून नहीं दे सकते हैं, जबकि डॉक्टरों ने जीवन की रक्षा के लिए बच्चे को तत्काल मुफ्त खून देने का लिखित आग्रह किया था. बच्चे की मां मेकॉन कॉलोनी में दाई का काम कर परिवार को भरण पोषण करती है, वहीं पिता मजदूरी का काम करते हैं.

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बच्चे के पिता ने बताया कि शुक्रवार की रात दो बजे बच्चे की स्थिति अचानक बिगड़ गयी. डॉक्टरों ने दोबारा खून लाने को कहा. वह आनन-फानन में ब्लड बैंक गये. खुद ब्लड डोनेट करने को तैयार भी हो गये, लेकिन हिमोग्लोबिन कम होने के कारण उनको रक्तदान करने से मना कर दिया गया. वह खून की व्यवस्था के लिए ब्लड बैंक व वार्ड में तैनात डॉक्टर का चक्कर लगाते रहे, लेकिन कुछ नहीं हो पाया. वह सुबह तक डोनर की व्यवस्था करने की जुगत में लगे रहे, लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो गयी.

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बच्चे के पिता ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर मेरे बच्चे के मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ‘ए पॉजिटिव ‘ खून स्टॉक था. सिकल सेल के मरीज को जब खून की आवश्यकता होती है, तो असहनीय दर्द होता है. जानकारों के अनुसार अगर समय पर खून मिल जाता, तो बच्चे की जान बचायी जा सकती थी. सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को समय पर बिना डोनर के खून उपलब्ध कराना है.

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रिम्स के पीआरओ डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि बच्चे की मौत खून के अभाव हुई है. इसकी जानकारी के लिए ब्लड बैंक इंचार्ज से पूछताछ की गयी. उनका कहना था कि खून की व्यवस्था कर दी गयी थी. जब बच्चे का नाम पुकारा गया, तो उस समय परिजन नहीं मिले. खून फ्रिज में रखा हुआ था. इसके बावजूद मामले की जांच करायी जायेगी.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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