Jharkhand News, Jamshedpur News जमशेदपुर : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एनआइटी पानी टंकी की पाइपलाइन में सड़ा-गला शव फंसा है. जिस पाइप में शव फंसा है, उसी से आदित्यपुर के आधे हिस्से में जलापूर्ति हो रही थी. एनआइटी की जलापूर्ति में बाधा आने के बाद जांच के दौरान पाइपलाइन में शव होने की बात सामने आयी. जानकारी मिलने पर तत्काल प्रभाव से शुक्रवार को आदित्यपुर समेत शहर के आधे इलाके में जलापूर्ति रोक दी गयी है. पाइप के भीतर दो पैर दिखायी पड़ रहे हैं. टंकी का पानी खाली कराया जा रहा है. शव को बाहर निकालने के लिए रांची से एनडीआरएफ की टीम बुलायी गयी है. शव मंगलवार को या उससे पहले से टंकी से होते हुए पाइप में पहुंचा होगा. हालांकि, इस दौरान उसी पाइपलाइन से जलापूर्ति की जा रही थी.
आरआइटी पुलिस के मुताबिक, इलाके में किसी के लापता होने की सूचना नहीं है. शव को निकालने का प्रयास शनिवार को किया जायेगा. एनडीआरएफ की टीम को बुलाने के लिए पत्र भेजा गया है. पूरे शहर की जलापूर्ति व्यवस्था संभालने वाले प्रतिबंधित क्षेत्र में पेयजल विभाग द्वारा किसी भी सुरक्षाकर्मी की तैनाती नहीं की गयी है. यहां टंकियों में चार-पांच स्टाफ की ड्यूटी लगती है. यहां के कर्मचारी वहीं रहते हैं. लोगों के अनुसार पानी की टंकी व इसके आसपास नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है. उसे भय से कोई कुछ बोलता नहीं है. टंकी में शव मिलने के दौरान भी कई युवक ऊपर चढ़ गये थे जिन्हें पुलिस ने भगाया.
सीतारामपुर स्थिति फिल्टर प्लांट से जलापूर्ति बंद कराने के बाद वाशआउट से पानी बाहर निकालकर शाम तक टंकी को खाली कर दिया गया. अब शव को बाहर निकालने और टंकी की सफाई के बाद ही यहां से जलापूर्ति संभव हो सकेगी. इस टंकी से आदित्यपुर दो व एनआइटी को पानी जाता है. इससे एनआइटी के अलावा आदित्यपुर दो के कुलुपटांगा व इच्छापुर भी पानी जाता है. जबकि दूसरी टंकी से गम्हरिया व आदित्यपुर वन में जलापूर्ति होती है.
औद्योगिक क्षेत्र में पहाड़ी पर स्थित पानी की दो टंकियों में एक में शव मिला है. शव मिलने की सूचना पर आरआइटी पुलिस वहां पहुंची. मंगलवार को एनआइटी की जलापूर्ति में बाधा आयी थी. इसके बाद गुरुवार दोपहर से पानी पूरी तरह बंद हो गया था. शुक्रवार दो बजे पाइपलाइन में कचरा जमा होने की आशंका से वॉल्व खुलवाकर जांच की गयी. वहां तक पानी नहीं पहुंचने पर टंकी से जुड़े बेंड को खुलवाया गया.
इसके बाद तेज दुर्गंध आने पर पहले अनुमान लगाया गया कि टंकी में कोई पशु मर गया होगा. बाद में टॉर्च की रोशनी पाइप के भीतर डालने पर आदमी के दो पैर दिखे. यह पता नहीं चल सका है कि कोई इंसान टंकी के भीतर कैसे आया? विभाग के लोगों का कहना है कि टंकी में ऊपर से किसी व्यक्ति के घुसने का कोई रास्ता नहीं है. सिर्फ हवा निकलने के लिए स्थान ही छोड़ा गया है.
Posted By : Sameer Oraon