Achala Saptami 2021, Ratha Saptami 2021, Shubh Muhurat, Vrat Katha, Puja Vidhi, Precautions, Remedis: माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान सूर्य की पूजा-पाठ करने की परंपरा होती है. इस दिन को कई नामों से जाना जाता है. कोई अचला सप्तमी तो कोई माघ मास की सप्तमी या रथ सप्तमी व सूर्य जयंती के नाम से भी इस पर्व को मनाते हैं. इससे जुड़ी कई मान्यताएं भी है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देने की भी परंपरा है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है, संतान सुख की प्राप्ति होती है, पाप से मुक्ति मिलती है. लेकिन, आज के दिन भूल कर भी नहीं करना चाहिए ये काम. आइए जानते हैं आज व्रत करने के लाभ के बारे में भी…
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अचला सप्तमी के दिन नमक खाने से बचना चाहिए
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इस दिन नमक का दान करना न भूलें
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इस दिन भूरे गाय को गुड़ खिलाएं खिलाना न भूलें
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आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना न भूलें अगर संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान जरूर कर लें
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अचला सप्तमी पर आदित्य हृदय स्त्रोत और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना न भूलें या सूर्य मंत्र का जाप भी आज के दिन जरूरी होता है
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आज के दिन मां लक्ष्मी और सूर्य भगवान की पूजा करना न भूलें,
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खास कर जो व्यक्ति संतान की कामना रखते हैं उन्हें आज के दिन व्रत करना नहीं भूलना चाहिए
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आज भूल कर भी काले कपड़े नहीं पहने, कोशिश करें कि गेहूंआ या पीला वस्त्र धारण करें,
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सूर्यदेव के नाम से दीपदान भी करें
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आज के दिन मांस-मदिरा का सेवन भूल कर भी न करें
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धार्मिक शास्त्रों की मानें तो, आज जो व्यक्ति नमक नहीं खाते है अर्थात फलाहार रहते है उन्हें नौकरी व व्यवसाय में उन्नति प्राप्त होती है. वे जीवन के सभी क्षेत्र में प्रगति पाते हैं.
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अचला सप्तमी के दिन भूरे रंग की गाय को गुड़ खिलाने से जॉब और व्यापार में लाभ होता है. दरअसल, गाय को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है.
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आज के दिन सुबह पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए और इस दौरान आदित्य हृदय स्त्रोत, गजेंद्र मोक्ष या सूर्य मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से नौकरी में प्रमोशन और धन और यश की प्राप्ति होती है.
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अचला सप्तमी के दिन सूर्यदेव का विधि-विधान से पूजा-पाठ करके उन्हें अर्घ्य देते देना चाहिए. ऐसा करने से भाग्य आपके साथ होता है. पुरानी देनदारियों से मुक्ति मिलती है. साथ ही साथ मां लक्ष्मी की कृपा बनती है.
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कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी अचला सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा कही जाती है. उनके नाम से दीपदान भी किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
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सूर्योदय समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें,
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भगवान सूर्य और अपने पूर्वजों को याद करते हुए व सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें,
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घर से बाहर रंगोली बनाकर भगवान सूर्य के नाम से दीपदान करें
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सूर्य के बीज मंत्र को भी जपना करें और गुड़, गेहूं, लाल वस्त्र और तांबे के बर्त्तन को दान करें,
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प्रसाद वितरण करें और खुद भी खाएं, पूरे दिन नमक खाने से बचें.
Posted By: Sumit Kumar Verma