17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Naxal News : नक्सलियों के कारण दम तोड़ रहीं हैं विकास की योजनाएं, फोन रिसीव भी नहीं करते आलाधिकारी, जानें लोहरदगा जिले का हाल

लोगों का जंगली व पहाड़ी इलाकों में लोगों की आवाजाही शुरू हो गयी थी, लेकिन एक बार फिर से उग्रवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है. पुलिस के आलाधिकारी भी निश्चिंत नजर आने लगे थे और पुलिस का सूचना तंत्र भी जबर्दस्त तरीके से कमजोर हुआ. स्थिति यह है कि अब पहाड़ी इलाकों में बगैर उग्रवादियों के इजाजत के कोई ठेकेदार काम नहीं कर सकता है. खौफ सिर चढ़ कर बोल रहा है.

Lohardaga News, lohardaga naxal status लोहरदगा : जिले में उग्रवादी एक बार फिर से अपना पैर पसारने लगे हैं. गुमला के रहनेवाले दुलेश्वर प्रसाद की बारुदी सुरंग में हुई मौत ने इस आशंका को और प्रबल कर दिया है की उग्रवादी एक बार फिर से अपना खौफ पैदा कर रहे हैं. जिले में कई बड़े उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया था. इसके बाद उम्मीद जगी कि जिले से उग्रवाद समाप्त होगा.

लोगों का जंगली व पहाड़ी इलाकों में लोगों की आवाजाही शुरू हो गयी थी, लेकिन एक बार फिर से उग्रवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है. पुलिस के आलाधिकारी भी निश्चिंत नजर आने लगे थे और पुलिस का सूचना तंत्र भी जबर्दस्त तरीके से कमजोर हुआ. स्थिति यह है कि अब पहाड़ी इलाकों में बगैर उग्रवादियों के इजाजत के कोई ठेकेदार काम नहीं कर सकता है. खौफ सिर चढ़ कर बोल रहा है.

10 लाख का इनामी माओवादी उग्रवादी रवींद्र गंझू लगातार पुलिस को चुनौती दे रहा है. पुलिस को नुकसान भी पहुंचा रहा है, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से दूर है. जिले में पदस्थापित आला पुलिस पदाधिकारी सूचना तंत्र को मजबूत करने की दिशा में कोई पहल नहीं करते हैं. आलाधिकारी फोन रिसीव करने से परहेज करते हैं. सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके के लोगों का कहना है कि आलाधिकारियों द्वारा फोन रिसीव नहीं करने से वे कोई सूचना देना चाह कर भी नहीं दे पाते हैं. किसी भी घटना के बाद कहा जाता है कि उग्रवादियों को नहीं छोड़ा जायेगा, लेकिन उग्रवादी पकड़े नहीं जा रहे हैं.

सूत्र बताते है कि सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के इलाके में उग्रवादियों ने जगह-जगह बारुदी सुरंग बिछा रखी है. इसकी जानकारी सभी को है. ग्रामीण जंगल जाने से परहेज करते हैं. इसके बावजूद बारुदी सुरंग विस्फोट में दुलेश्वर परास की मौत दुखद घटना है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उग्रवादियों का खौफ है ही, पुलिस से भी वे लोग डरते है. क्योंकि यदि नक्सली इस क्षेत्र में आते हैं, तो ग्रामीणों से बातचीत करते हैं और पुलिस फिर उन पर दबाव बनाती है.

अधूरी पड़ी है कई महत्वपूर्ण सड़कें व पुल-पुलिया :

पहाड़ी इलाके में उग्रवादियों के धमक के बाद विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. कई महत्वपूर्ण सड़कें व पुल-पुलिया अधूरी पड़ी हैं. उग्रवादियों के भय से लोग काम करना नहीं चाहते हैं. पिछले दिनों ओनेगड़ा में पुल निर्माण कार्य करा रहे मुंशी विक्की गुप्ता को उग्रवादियों ने निर्माण स्थल से थोड़ी दूर ले जाकर दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी. उग्रवादियों द्वारा निर्माण कार्य में लगे पोकलेन, जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था. मुंशी की हत्या के बाद निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. कार्य को फिर से शुरू कराने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है.

लोगों में दिख रहा है उग्रवादियों का खौफ:

जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित सेरेंगदाग व पेशरार थाना उग्रवाद प्रभावित इलाके में बनाया गया है, ताकि उग्रवादियों की गतिविधि कम हो सके. 2011 में धरधरिया में सीआरपीएफ के पांच व जिला बल के छह जवान लैंड माइंस विस्फोट में शहीद हुए थे. इसके बाद उग्रवादियों द्वारा घटनाएं की जाती रही है. इधर, नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी हैं और मंगलवार को पुलिस बल को उग्रवादियों ने धोखा दे दिया. उग्रवादी न सिर्फ पुलिस अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं, बल्कि नवंबर माह में एक ग्रामीण को पुलिस का एसपीओ बता कर गोली मार कर हत्या कर दी थी. पुलिस की गतिविधियों को देखते हुए उग्रवादियों ने नवंबर महीने में ही आइडी बम बलास्ट कर दो पुलिस जवानों को घायल कर दिया था. माओवादी जंगल का लाभ उठा कर चले जाते हैं. उग्रवादियों के कारनामों से लोगों में खौफ दिख रहा है.

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें