बुधवार की संध्या नाथनगर स्टेशन पर एक अजीब वाक्या सामने दिखा. रेल ट्रैक पर बम रखे होने की सूचना से हड़कंप मच गया. वहीं मामले की जांच करने आये पुलिस के जवान ने इसे नकली करार देकर अपने हाथ में उठा लिया. इससे पहले उसे पत्थर और बांस से मारकर चेक किया गया. वहीं बाद में वो बम असली निकला.बम निरोधक दस्ते ने असली बम होने की पुष्टि की और इसे डिफ्यूज किया. हालांकि इस दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन ऐसी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता था.
बुधवार की शाम जब 19:45 बजे जमालपुर से 03072 डाउन जमालपुर हावड़ा सुपर एक्सप्रेस अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई तब उस पर सवार होने वाले रेल यात्रियों या उनके परिजनों को यह जरा भी अहसास नहीं था कि नाथनगर के निकट किसी प्रकार के हादसे को लेकर ट्रेन को रोक दिया जाएगा. सोशल मीडिया पर जैसे ही यह खबर जमालपुर और आसपास के क्षेत्रों में मिली की नाथनगर रेलवे स्टेशन पर सुपर एक्सप्रेस गुजरने के समय बम पाया गया है तो इस ट्रेन पर सवार होकर यात्रा आरंभ करने वाले रेल यात्रियों के परिजनों में बेचैनी बढ़ गई.
सुपर एक्सप्रेस के गुजरने के बाद यहां सब कुछ सामान्य सा था इस ट्रेन के गुजरने के लगभग एक घंटा बाद जब 03402 डाउन दानापुर भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस जमालपुर पहुंची तब भी सब कुछ सामान ही था परंतु एकाएक सोशल मीडिया पर नाथनगर में बम मिलने की घटना की जानकारी पर यहां पर भी बेचैनी देखी गई.
हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही रेल जिला जमालपुर पर एसआरपी मो आमिर जावेद घटनास्थल के लिए रवाना हो गये. उन्होंने बताया कि नाथनगर में बम जैसी कोई वस्तु मिली है जिसको देखते हुए जमालपुर के बीएमपी 9 से बम डिस्पोजल स्क्वायड को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया. सूचना मिलने पर मौके पर एसएसपी निताशा गुरिया, सिटी एएसपी पूरण झा पुलिस बल व एसएसबी की टीम के साथ पहुंचे.
वैसे डाउन रूट की इन दोनों ट्रेनों को छोड़कर संजोग से कोई तीसरी ट्रेन भागलपुर की ओर नहीं जा रही थी अन्यथा यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता. वैसे 53415 अप साहिबगंज जमालपुर पैसेंजर अपने निर्धारित समय रात्रि 20:15 के बजाए एक घंटा विलंब से चलकर 2115 बजे जमालपुर पहुंची.
नाथनगर के प्लेटफॉर्म नंबर-2 की पटरी पर रखे बम में रस्सी और तार बंधा हुआ था. इसी बीच वहां खोजी कुत्ता भी लाया गया.बम मिलने की सूचना पर पहुंची टीम ने जब इसे नकली बम बताया, तो एसएसबी के एक जवान ने इसे हाथ में उठा लिया. लेकिन बाद में बम निरोधक दस्ते ने बम होने की पुष्टि की और इसे डिफ्यूज किया. ऐसे में एक बड़ा हादसा भी होते-होते टल गया. बम को नकली करार देने से पहले इसे पत्थर और बांस से भी मारकर देखा गया था. इस दौरान यदि बम विस्फोट करता, तो कई जवान और आसपास की घनी आबादी इसके चपेट में आ सकती थी.
Posted By :Thakur Shaktilochan