jharkhand news, hazaribagh news, coal mining project overloading case हजारीबाग : एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना से अब ओवरलोडिंग कोयले की ढुलाई नहीं हो पायेगी. कोयला खनन क्षेत्र से वाहनों का कांटा घर में लोडिंग की माप नये सॉफ्टवेयर से होगा. ट्रकों में ओवरलोडिंग होने पर सॉफ्टवेयर मशीन से कोयले वजन संबंधी स्लीप नहीं मिल पायेगी. तीन जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक चेकनाका वाहनों को चेक करेगा. एनटीपीसी ने यह व्यवस्था पिछले 14 फरवरी से शुरू की है.
एनटीपीसी कोयला खनन क्षेत्र से प्रतिदिन 27,913 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता है. इसमें 20003 मीट्रिक टन कोयले की क्रॉसिंग की जाती है. कोयले में शामिल अन्य सामग्री पत्थर वगैरह को हटाने के बाद 162295 मीट्रिक टन कोयला परिवहन के लिए रखा जाता है. 14 फरवरी को 17065 टन कोयले की ढुलाई 776 ट्रीप वाहनों के माध्यम से की गयी. सभी वाहन में ओवरलोडिंग कोयले की ढुलाई पर पूरी तरह से रोक लग गयी.
एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल खनन क्षेत्रों से कोयले की ढुलाई में ओवरलोडिंग रोकने की मांग विधायक अंबा प्रसाद ने की थी. ओवरलोडिंग से सरकार के राजस्व व पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. विधायक ने ओवरलोडिंग बंद करने की मांग जिला प्रशासन व एनटीपीसी प्रबंधक से की थी.
सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्रालय द्वारा 16 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी कर केंद्रीय सरकार मोटरयान अधिनियम 1988 के तहत निर्देश दिया गया है. एक धुरी वाले वाहन तीन टन, दो टायर के साथ एक धुरी वाहन 7.5 टन, चार टायर के साथ एक धुरी 11.5 टन, ट्रेलर और आधा ट्रेलर 21 टन, हाइड्रोलिक व न्यूमेटिक ट्रेलर 28.5 टन, तीन धुरी के ट्रेलर 27 टन, दो धुरियां प्रत्येक चार टायर वाले वाहन 18 टन कोयला की ढुलाई कर सकते हैं.
Posted By : Sameer Oraon