21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

India China face off : एके एंटनी ने कहा – चीन के सामने सरेंडर करना है गलवान घाटी एवं पैंगोंग झील से सैनिकों का पीछे हटना

India China face off news : सरकार ने शुक्रवार को जोर देकर कहा था कि चीन के साथ सैनिकों को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने को लेकर हुए समझौते में भारत किसी इलाके को लेकर कहीं झुका नहीं है. एंटनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenra Modi) की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को ऐसे समय में उचित प्राथमिकता नहीं दे रही है जब चीन आक्रामक हो रहा है और पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का प्रोत्साहन जारी है.

  • सीमा पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है भारत

  • राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही है मोदी सरकार

  • बफर जोन बनाना अपनी जमीन का आत्मसमर्पण है

India China face off news : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने रविवार को आरोप लगाया कि गलवान घाटी एवं पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों को पीछे ले जाना एवं बफर जोन बनाना भारत के अधिकारों का आत्मसमर्पण है. एंटनी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जब भारत सीमा पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और दो मोर्चों पर युद्ध जैसी स्थिति है, ऐसे में रक्षा बजट में मामूली एवं अपर्याप्त वृद्धि देश के साथ विश्वासघात है.

सरकार ने शुक्रवार को जोर देकर कहा था कि चीन के साथ सैनिकों को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने को लेकर हुए समझौते में भारत किसी इलाके को लेकर कहीं झुका नहीं है. एंटनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को ऐसे समय में उचित प्राथमिकता नहीं दे रही है जब चीन आक्रामक हो रहा है और पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का प्रोत्साहन जारी है.

उन्होंने कहा कि सैनिकों का पीछे हटना अच्छा है क्योंकि इससे तनाव कम होगा लेकिन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. एंटनी ने आरोप लगाया, गलवान घाटी एवं पैंगोंग झील से सैनिकों को पीछे हटाना आत्मसमर्पण है. उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण करने जैसा है क्योंकि पांरपरिक रूप से इन इलाकों को भारत नियंत्रित करता रहा है.

एंटनी ने आरोप लगाया, हम अपने अधिकारों का समर्पण कर रहे हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि वर्ष 1962 में भी गलवान घाटी के भारतीय क्षेत्र होने पर विवाद नहीं था. पूर्व रक्षामंत्री ने कहा, सैनिकों को पीछे लाना और बफर जोन बनाना अपनी जमीन का आत्मसमर्पण करना है.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार सैनिकों की इस वापसी और बफर जोन बनाने के महत्व को नहीं समझ रही है. एंटनी ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन किसी भी समय पाकिस्तान की सियाचिन में मदद करने के लिए खुराफात कर सकता है.

उन्होंने कहा, हम इस सरकार से जानना चाहते हैं कि पूरे भारत-चीन सीमा पर वर्ष 2020 में मध्य अप्रैल की पूर्व की स्थिति आएगी एवं इस संबंध में सरकार की क्या योजना है. उन्होंने कहा कि सरकार को सीमा पर यथास्थिति बहाल करने में देश और जनता को भरोसे में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा फैसला लेने से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से परामर्श करना चाहिए एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए.

एंटनी ने आरोप लगाया कि सरकार ने चीन का ‘तुष्टिकरण’ करने एवं यह संदेश देने के लिए कि वह संघर्ष नहीं चाहती, रक्षा बजट नहीं बढ़ाया. उन्होंने आरोप लगाया, चीन की तृष्टि करने के लिए, सरकार ने बजट नहीं बढ़ाकर संदेश दिया कि हम आपसे संघर्ष नहीं चाहते हैं. चीन की तुष्टि के लिए हम चीन की शर्तों पर सैनिकों को पीछे ले जाने पर सहमत हुए हैं.

Also Read: Happy Valentine’s Day 2021 : जब स्ट्रेचर पर लिटा कर पढ़े गये थे शादी के मंत्र, पढ़िए इन जोड़ियों की अद्‌भुत प्रेम कहानी…

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश चीन और पाकिस्तान की ओर से गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है और सशस्त्र बल समर्थन एवं रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, लेकिन पिछले साल के संशोधित रक्षा बजट के मुकाबले इस साल बजट में मामूली वृद्धि की गई है और यह महज 1.48 प्रतिशत है.

एंटनी ने कहा, यह देश के साथ विश्वासघात है. सरकार ने हमारे सशस्त्र बलों की मांग नहीं मानी. सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर उचित ध्यान नहीं दे रही है.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें