श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार की सुबह सरकार पर तंज कसते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि क्या यही नया कश्मीर है. हमें बिना किसी स्पष्टीकरण के अपने ही घरों में कैद कर दिया गया है.
This is the “naya/new J&K” after Aug 2019. We get locked up in our homes with no explanation. It’s bad enough they’ve locked my father (a sitting MP) & me in our home, they’ve locked my sister & her kids in their home as well. pic.twitter.com/89vOgjD5WM
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 14, 2021
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ”अगस्त 2019 के बाद यह नया जम्मू-कश्मीर है. हमें बिना किसी स्पष्टीकरण के अपने ही घरों में कैद कर दिया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे पिता, जो वर्तमान में सांसद हैं, और मुझे हमारे ही घरों में कैद कर दिया गया है. मेरी बहन और उसके बच्चों को भी घर में बंद कर दिया है.”
वहीं, एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ”चलो, आपके लोकतंत्र के नये मॉडल का अर्थ है कि हमें बिना कोई कारण बताये अपने घरों में कैद कर दिये जाते हैं. इतना ही नहीं, घर में काम करनेवाले कर्मियों को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इसके बावजूद आप हैरान होते हैं कि मुझमें अब भी नाराजगी और कड़वाहट क्यों है.”
बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री सह नेशनल कॉन्फ्रेन्स के नेता उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारुक अब्दुल्ला का पहले से ही बाहर जाने का कार्यक्रम तय था. उमर अब्दुल्ला गुलमर्ग और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला गांदरबल जानेवाले थे.
एक और ट्वीट कर उन्होंने पूछा है कि ”कृपया मुझे बताएं कि आपने आज मुझे अपने घर में किस कानून के तहत हिरासत में लिया है? आप मुझे अपना घर नहीं छोड़ने की सलाह दे सकते हैं. लेकिन, आप मुझे बहाने के रूप में सुरक्षा का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते.”
I’m not even sure if this is actually a police Twitter handle since it’s not verified but assuming it is – please tell me under which law you have detained me in my home today? You can advise me not to leave my house but you can’t force me to stay in using security as an excuse. https://t.co/wfWwYPiTM4
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 14, 2021
मालूम हो कि आज पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी है. हमले में सीआरपीएफ के करीब 40 जवान शहीद हो गये थे. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन दिया था.