सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में राजनीतिक दलों और मुख्य चुनाव आयुक्त को अवमानना नाटिस जारी किया है. बिहार चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा अपने आपराधिक रिकॉर्ड का समाचार माध्यमों में प्रचार नहीं करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई 9 मार्च को होगी.
अधिवक्ता बृजेश सिह ने यह अवमानना याचिका दायर किया है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 13 फरवरी 2020 को अपना एक फैसला दिया था. जिसमें स्पष्ट आदेश दिया गया था कि बिहार चुनाव में किसी भी दल ने अगर किसी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को टिकट दिया तो उन्हें समाचार माध्यम से उसकी पूरी जानकारी सामने रखनी होगी और वे इस बारे में मतददाताओं को स्पष्टीकरण देंगे कि उन्होंने ऐसा उम्मीदवार क्यों चुना.यह स्पष्टीकरण उन्हें दल की वेबसाइट पर देना होगा.
बता दें कि चुनाव अयोग ने सभी दलों को फॉर्म सी 8 जारी किया था. वहीं फॉर्म सी 7 भी इसके साथ दिया गया था, जिसमें उन्हें चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्म्दवारों को चुनने के पीछे की वजह वोटरों को 48 घंटों के अंदर बतानी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इसमें चतुराई से काम लिया और छोटे स्तर के अखबारों में ही इसकी जानकारी दी. जबकि इसे मुख्य समाचार पत्रों या मीडिया प्लेटफार्म पर देना चाहिए था.
वहीं राजनीतिक दलों ने दागी छवि वाले उम्मीदवारों के चयन पर यह जबाव दिया था कि हमारे उम्मीदवार समाज की सेवा करते हैं. वहीं उन्होंने अपने उम्मीदवारों के जीत की संभावना अधिक बताते हुए उनके चयन की बात सामने रखी थी. अब इस मामले की सुनवाई 9 मार्च को होगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan