India-China Border Dispute: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh) पर करीब एक साल से जारी विवाद जल्द खत्म हो सकता है. लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को ऐलान किया था कि भारत-चीन पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद को खत्म करने पर सहमत हुए हैं. वहीं अब पैंगॉन्ग त्सो से चीन की पीएलए और भारतीय सैनिकों के बीच वापसी की प्रक्रिया निर्धारित शेड्यूल के अनुसार हो रही है. खबरों के अनुसार साल्टवाटर लेक के उत्तरी तट पर चीनी सेना के भारी युद्धक टैंक तेजी से फिंगर 8 से पीछे हट रहे हैं.
चीन द्वारा भारत से लगती सीमाओं पर सड़कों का जाल बिछाये जाने और भारत के इस मामले में पीछे रह जाने पर रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति ने चिंता जाहिर की है. संसद में पेश रिपोर्ट में सीमा पर सड़क और पुलों के निर्माण में देरी को समिति ने गंभीर माना है. कहा है किसीमा पर वर्ष 2018-19 में 11 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन सिर्फ 6 सड़कों का ही निर्माण हो पाया है.
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इसी तरह 2017 तक 20 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अबतक सिर्फ सात पुलों का ही निर्माण कार्य हो पाया है. बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन को निर्माणकाम को उच्च प्राथमिकता देनी चाहिए. खासकर जब चीन के साथ संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं.
राहुल की सदस्यता वाली रक्षा मामलों की संसदीय समिति करेगी दौरा
रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील और गलवान घाटी का दौरा करने का फैसला किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल ओराम की अध्यक्षता वाली समिति मई या जून के अंतिम हफ्ते में वहां के दौरे पर जाना चाहती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस समिति के सदस्य हैं. सूत्रों ने बताया कि इन इलाकों का दौरा करने का फैसला समिति की पिछली बैठक में लिया गया था. बैठक में राहुल गांधी शामिल नहीं हुए थे. एलएसी पर जाने के लिए समिति को सरकार से मंजूरी लेनी होगी.
Posted by : Rajat Kumar