बिहार में कोरोना जांच में जमुई के बरहट और सिकंदरा में जांच रिपोर्ट में गलत मोबाइल नंबर देने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि 36 जिलों में रैंडम जांच कराई गई. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार जांच कराने वाले लोग सही हैं. जबकि, कई लोगों के मोबाइल नंबर्स को लेकर गड़बड़ी मिली है. जमुई में जो गड़बड़ी पाई गई है, वो शेखपुरा जिले की सोनाली कुमारी और उनके पिता अजीत कुमार के मामले में नहीं है.
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शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रत्यय अमृत ने बताया सिकंदरा और बरहट में जो मामले मिले हैं, वो पूरे राज्य में नहीं हैं. कुछ कर्मचारियों की गलती के चलते पूरे अभियान पर सवाल खड़ा करना गलत है. शुक्रवार को जमुई जिले में कोरोना जांच को लेकर जिस प्रकार के सवाल राज्यसभा में उठाए गए हैं. उससे जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार शाम को ही भेज दी गई है. केंद्र को सवालों का जवाब और पूरी जानकारी दी गयी है.
प्रधान सचिव ने बताया कि जमुई और शेखपुरा जिले की घटना के सामने आने के बाद 10 जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई. 26 जिलों के डीएम के स्तर पर जिले के दो-चार प्रखंडों की रैंडम जांच कराई गई है. जांच के प्रारंभिक नतीजों से मालूम चला है मोबाइल नंबर 00000 दिया गया है. अररिया जिले के फारबिसगंज और अररिया की रिपोर्ट से पता चलता है कि जांच कराने वाले सही हैं. जबकि, मोबाइल नंबर 0000000000 पाया गया है. इसके बाद अररिया जिले के सिविल सर्जन, अनुमंडलीय पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी से मोबाइल नंबर को लेकर स्पष्टीकरण पूछा गया है.
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शिवहर के पूरनहिया प्रखंड में भी 30-40 लोगों का मामला सामने आया है. आमतौर पर शारीरिक जांच में लोग सही पाए गए हैं. अभी उनमें से कई लोगों को मोबाइल नंबर बंद है. कुछ में पूरे परिवार का एक ही नंबर है. उन्होंने बताया कि आनेवाले दिनों में इस प्रकार के मामले आते हैं तो पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. बरहट और सिकंदरा में प्रोसेस गलत और रिजल्ट भी गलत पाया गया है. समूचे मामले को लेकर कोरोना वॉरियर्स की कार्यशैली पर किसी तरह का सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता.