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PM नरेंद्र मोदी पर कीग्यी टिप्पणी को पहले फेसबुक ने हटाया, फिर कर दिया बहाल
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ओवरसाइट बोर्ड एक स्वतंत्र ईकाई है जिसका गठन फेसबुक ने पिछले साल किया था
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इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर साझा किये गये, नफरत फैलाने वाले भाषणों और अनापेक्षित सामग्री पर नजर रखना है
नयी दिल्ली : फेसबुक के ओवरसाइट बोर्ड ने पंजाबी भाषा के मंच से सोशल मीडिया पर साझा किये गये एक पोस्ट के मामले पर संज्ञान लिया है जिसमें आरएसएस (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी की गयी है. हालांकि, शुरुआत में फेसबुक कम्युनिटी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने को लेकर इस सामग्री को फेसबुक से हटा दिया गया था, लेकिन बाद में सोशल मीडिया कंपनी ने इसे वापस बहाल कर दिया.
बता दें कि ओवरसाइट बोर्ड एक स्वतंत्र ईकाई है जिसका गठन फेसबुक ने पिछले साल किया था और इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर साझा किये गये, नफरत फैलाने वाले भाषणों और अनापेक्षित सामग्री पर नजर रखना है. इससे पहले बोर्ड ने पांच मामलों पर विचार किया है जिनमें से एक भारत का था जिसमें उपयोक्ता ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के खिलाफ हिंसा की बात कही थी.
इस मामले में बोर्ड ने सामग्री को सोशल मीडिया से हटाने के फेसबुक के फैसले को पलट दिया था. बोर्ड द्वारा लिया गया ताजा मामला नवंबर, 2020 में एक उपयोक्ता द्वारा साझा किये गये पोस्ट से जुड़ा हुआ है. इस पोस्ट में 17 मिनट का वीडियो है जिसके कैप्शन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां की गयी हैं.
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इस पोस्ट को 500 से भी कम लोगों ने देखा था और फेसबुक कम्युनिटी दिशा-निर्देश के उल्लंघन की एकमात्र शिकायत के आधार पर इसे सोशल मीडिया से हटा लिया गया था. उपयोक्ता ने इस संबंध में जब बोर्ड से अपील की तो फेसबुक ने पोस्ट हटाये जाने को गलती बतायी और सामग्री को वापस बहाल कर दिया.
उपयोक्ता ने आरोप लगाया कि पोस्ट पर की गयी टिप्पणियां वीडियो से जुड़ी हैं और दोनों का टोन समान है. उपयोक्ता ने सवाल किया कि अगर वीडियो अभी भी सोशल मीडिया पर मौजूद है तो सामग्री के साथ दिक्कत क्या है.
Posted By: Amlesh Nandan.