Disengagement At Pangong Tso Latest News Updates कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी पर रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट को लेकर बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावे को नहीं छोड़ा है.
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया. साथ ही उन्होंने इस समझौते को लेकर भी सवाल उठाये है. इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में देश के राष्ट्रीय हित और भूभाग की प्रभावी तरीके से रक्षा की गयी है. क्योंकि, सरकार ने सशस्त्र बलों की ताकत पर पूरा भरोसा दिखाया है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन्हें हमारे सैन्य कर्मियों के बलिदान से हासिल की गई उपलब्धियों पर संदेह है, दरअसल वे शहीद सैनिकों का असम्मान कर रहे हैं. बयान में मंत्रालय ने कुछ खास स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि यह कहना कि भारतीय भूभाग फिंगर 4 तक है, जो सरासर गलत है. भारत के नक्शे में भारतीय भूभाग प्रदर्शित किया गया है, उसमें यह भी शामिल है कि 43,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है.
– रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यहां तक कि भारतीय धारणा के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) फिंगर 8 पर है, ना कि फिंगर 4 पर है. यही कारण है कि भारत फिंगर 8 तक गश्त का अधिकार होने की बात लगातार कहता रहा है, जो चीन के साथ मौजूदा सहमित में भी शामिल है.
– बयान में कहा गया है, भारत ने समझौते के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके पर दावे को नहीं छोड़ा है. इसके उलट, उसने एलएससी का सम्मान सुनिश्चित किया और एकतरफा तरीके से यथास्थिति में कोई बदलाव करने से रोका है.
– मंत्रालय ने यह भी कहा पैंगोंग सो के उत्तरी तट पर दोनों तरफ की चौकियां पहले से हैं और अच्छी तरह से काम कर रही हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार अपने पुराने रुख को भूल गई. चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया, मत्था टेक दिया. हमारी जमीन फिंगर 4 तक है. मोदी ने फिंगर 3 से फिंगर 4 की जमीन जो हिंदुस्तान की पवित्र जमीन थी, चीन को सौंप दी है.
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है.
Upload By Samir Kumar