पटना. राज्य में छूटे हुए साढ़े सात हजार टोलों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए नौ हजार किमी लंबाई में ग्रामीण सड़क बनायी जायेगी. साथ ही सभी ग्रामीण सड़कों की जियो टैगिंग होगी. इसमें सड़क के फोटो सहित सड़क निर्माण से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी.
इस योजना पर ग्रामीण कार्य विभाग ने काम शुरू कर दिया है. दरअसल राज्य के विभिन्न स्तर के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ग्रामीण कार्य विभाग को ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कई टोलों और बसावटों में ग्रामीण सड़कें नहीं बनी हैं और उन्हें मुख्य सड़कों से नहीं जोड़ा गया है. ऐसी हालत में विभाग ने मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वे और जांच कराने का निर्णय लिया था. इस सर्वे में सड़क कनेक्टिविटी नहीं होने के बारे में जानकारी मिली.
ग्रामीण कार्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि 100 से 249 तक की आबादी वाले टोलों को बारहमासी सड़कों के माध्यम से एकल संपर्कता देकर मुख्य सड़कों से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा था. इसके तहत 2018-19 में 1751 टोलों को 1500 किमी लंबाई में सड़क बनाकर मुख्य सड़कों से संपर्कता देने की योजना पर काम हुआ था. वहीं, 2019-20 में 1913 किमी लंबाई में सड़क बनाकर करीब दो हजार टोलों को संपर्कता देने की योजना पर काम शुरू हुआ था. इसमें फिलहाल काम अंतिम चरण में है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिन बसावटों का मुख्य सड़कों से संपर्क नहीं था, वैसी करीब 39 हजार 556 बसावटों व टोलों में 20 हजार 805 किमी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है. इसके साथ ही 12 हजार 458 बसावटों व टोलों में 18 हजार 930 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा 48 हजार 938 किलोमीटर सड़कों के रखरखाव का काम शुरू किया गया था, जिसमें से अब तक 15 हजार 982 किमी लंबी सड़कों के रखरखाव का काम पूरा किया जा चुका है.
Posted by Ashish Jha