Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लाह की खेती को कृषि का दर्जा देने की घोषणा की. साथ ही इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) भी राज्य सरकार द्वारा तय करने की बात कही. सीएम श्री सोरेन राजधानी रांची के भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान, नामकुम में आयोजित 2 दिवसीय किसान मेला सह कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी (Agricultural Technology Exhibition) का उद्घाटन किया.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि किसानों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना सरकार का संकल्प है. इसी को ध्यान में रखकर कई योजनाएं सरकार की ओर से चलायी जा रही है. इसके जरिये किसानों को अनुदान, ऋण और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. वहीं, राज्य सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री पशुधन योजना (Chief Minister Livestock Scheme) शुरू करने के साथ किसानों के ऋण को भी माफ कर रही है. किसानों को उनका उचित हक और अधिकार मिले इसके लिए सरकार सभी संभव कदम उठायेगी.
उन्होंने कहा कि झारखंड में कृषि और कृषि उत्पादों के संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए नये गोदाम और फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनाने पर सरकार विशेष जोर दे रही है. पूरे राज्य में लगभग 500 नये गोदाम और 224 फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनाये जा रहे हैं.
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सीएम श्री सोरेन ने कहा कि किसान देश की रीढ़ है. ऐसे में किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार कार्य योजना बना रही है. आज हम विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, लेकिन किसान धीरे- धीरे हाशिए पर जा रहे हैं. यह काफी चिंता की बात है. किसानों के हित में सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष लक्ष्य की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा धान की खरीदारी की है.
झारखंड में जहां खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है, वहीं वन उपज के लिए भी यह राज्य अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए हैं. लेकिन, इसका सही उपयोग, संरक्षण, उत्पादन और बाजार उपलब्ध नहीं होने के साथ किसानों को सही मूल्य नहीं मिलना इसके विकास में बाधा पैदा कर रही है. सरकार की कोशिश है कि इन समस्याओं को दूर करने के साथ वन उपज से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा सके.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि एक वक्त था जब झारखंड की देश और दुनिया में लाह की खेती के लिए अलग पहचान थी, पर धीरे- धीरे इसमें गिरावट आने लगी. लेकिन, मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि झारखंडवासियों के खून में लाह की खेती है. उन्होंने कहा कि लाह समेत अन्य वन उपज का वैल्यू एडिशन कर उसे पुरानी पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार लाह की खेती के क्षेत्र में सिर्फ 15 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल कर लगभग 20 हजार टन लाह उत्पादन कर रही हैं. अगर पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो, तो फिर रिकॉर्ड उत्पादन के साथ देश- दुनिया में झारखंड जाना जायेगा. इसमें भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान एक अहम भूमिका निभाता आ रहा है और आगे भी निभायेगा.
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मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि प्राकृतिक उत्पादों की मांग आज पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में लाह एवं अन्य वन उपज के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं हैं. सरकार का ध्यान इस ओर है. इसके लिए संबंधित किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है, ताकि यहां लाह एवं वन उपज में व्यापक बढ़ोतरी होने के साथ उसकी गुणवत्ता भी उच्च कोटि की हो.
मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में कुसुम का पौधा लगाया. इस दौरान उन्होंने लाह उत्पादन के लिए लगाये गये पौधों को देखा और कृषि वैज्ञानिकों से लाह उत्पादन से संबंधित जानकारी प्राप्त की. कृषि वैज्ञानिकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि झारखंड में लाह उत्पादन की व्यापक संभावनाएं हैं. किसानों खासकर महिला स्वयं सहायता समूह को इससे जोड़कर उन्हें स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है.
सीएम श्री सोरेन का कृषि और किसानों से कितना गहरा और आत्मीय लगाव है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने किसान मेला सह कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया और उनके द्वारा चलायी जा रही गतिविधियों और क्रियाकलापों की बारीकी से जानकारी ली. इस प्रदर्शनी में 60 से ज्यादा स्टॉल लगाये गये हैं. ये स्टॉल विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा लगाये गये हैं.
इस मौके पर लाह की खेती को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान और ICICI फाउंडेशन के बीच MOU पर हस्ताक्षर हुआ. वहीं, सीएम ने कार्यक्रम में 2 प्रकाशनों का लोकार्पण भी किया. इसके अलावा लाह की खेती में बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों को सम्मानित भी किया गया. मौके पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक राजेश कच्छप, रांची डीसी छवि रंजन, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, संस्थान के निदेशक केके शर्मा, कार्यक्रम के संयोजक निर्मल कुमार समेत अन्य पदाधिकारी एवं काफी संख्या में किसान मौजूद थे.
Posted By : Samir Ranjan.