छपरा. कोविड वैक्सीन का टीका लगने के बाद कोरोना की महामारी से बचने की आस हर किसी में है, लेकिन कोविड वैक्सीनेशन किसे कराना है. किसे नहीं इसको लेकर भ्रांतियां हैं. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया है कि यदि कोई कैंसर, मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है तो वह भी कोरोना का टीका लगवा सकता है. इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले लोगों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जायेगा.
सिविल सर्जन ने कहा कि जो कोरोना संक्रमित रह चुके हैं, उन्हें भी कोविड टीकाकरण कराना चाहिए. उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चिह्नित किया गया. इन्हें तीन समूहों में बांटा गया है, पहले समूह में हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं. दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति और जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं. इसके बाद अन्य आम लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी.
कोविड वैक्सीन का टीका लगने के बाद कोरोना की महामारी से बचने की आस हर किसी में है, लेकिन कोविड वैक्सीनेशन किसे कराना है. किसे नहीं इसको लेकर भ्रांतियां हैं. सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया है कि यदि कोई कैंसर, मधुमेह व उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है तो वह भी कोरोना का टीका लगवा सकता है. इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले लोगों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी माना जायेगा. सिविल सर्जन ने कहा कि जो कोरोना संक्रमित रह चुके हैं, उन्हें भी कोविड टीकाकरण कराना चाहिए.
उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए चिह्नित किया गया. इन्हें तीन समूहों में बांटा गया है, पहले समूह में हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं. दूसरे समूह में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति और जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं. इसके बाद अन्य आम लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जायेगी.
सिविल सर्जन ने बताया कि कोविड-19 का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है. जिले में अब तक किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण के बाद कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कोविड-19 का टीका गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिला और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को नहीं दिया जायेगा.
वैक्सीन की प्रभावशीलता 80 से 90 प्रतिशत है. वैक्सीन बेहद कारगर व पूरी तरह सुरक्षित है. वैक्सीन के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं. लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही वैक्सीनेशन शुरू किया गया है.
Posted by Ashish Jha