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Jharkhand News : एससी-एसटी कर्मियों की प्रोन्नति मामले में इन पदाधिकारियों पर केस की अनुशंसा, विधानसभा की विशेष समिति ने सौंपी रिपोर्ट

साथ ही जिन एससी-एसटी अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं दी गयी है, उन्हें पिछली तिथि से प्रोन्नति देने की अनुशंसा की गयी है. समिति ने गलत तरीके से प्रोन्नति देने के मामले में विधायिका को गुमराह करने के लिए मुख्य सचिव (सीएस) व कार्मिक सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने की भी अनुशंसा की है. वहीं गलत तरीके से एसटी-एसटी के बदले सामान्य जाति को प्रोन्नति देने के मामले में संबंधित मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव सहित प्रोन्नति के लिए फाइल तैयार करनेवाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है.

ST-SC promotion case latest update in jharkhand, jharkhand political news रांची : विधानसभा की विशेष समिति ने एससी-एसटी की प्रोन्नति में गड़बड़ी करनेवाले अधिकारियों के विरुद्ध एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट (अत्याचार निवारण या अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है. साथ ही प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने की भी अनुशंसा की है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में गलत तरीके से एसटी-एसटी के बदले सामान्य जाति को प्रोन्नति देने के मामले में दी गयी प्रोन्नति को रद्द करने की अनुशंसा की है.

पिछली तिथि से प्रोन्नति देने की अनुशंसा :

साथ ही जिन एससी-एसटी अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं दी गयी है, उन्हें पिछली तिथि से प्रोन्नति देने की अनुशंसा की गयी है. समिति ने गलत तरीके से प्रोन्नति देने के मामले में विधायिका को गुमराह करने के लिए मुख्य सचिव (सीएस) व कार्मिक सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने की भी अनुशंसा की है. वहीं गलत तरीके से एसटी-एसटी के बदले सामान्य जाति को प्रोन्नति देने के मामले में संबंधित मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव सहित प्रोन्नति के लिए फाइल तैयार करनेवाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है.

विशेष समिति के संयोजक दीपक बिरूआ व विशेष आमंत्रित सदस्य बंधु तिर्की ने बुधवार को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में इस बात की भी अनुशंसा की गयी है कि अगर किसी एससी-एसटी की प्रोन्नति का मामला लंबे समय से न्यायालय में लंबित है, तो उन अधिकारियों व कर्मचारियों को सशर्त प्रोन्नति दी जाये.

कौन-कौन थे कमेटी में :

एससी-एसटी की प्रोन्नति को लेकर कमेटी में विधायक दीपक बिरुवा को संयोजक नियुक्त किया गया था. वहीं विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा व सरफराज अहमद सदस्य थे. इनके अलावा विधायक बंधु तिर्की को आमंत्रित सदस्य बनाया गया था.

विशेष समिति ने प्रोन्नति को लेकर कई दस्तावेजों का अध्ययन किया. इसमें त्रुटियां पायीं गयींं. सुप्रीम कोर्ट व अन्य संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर अनुशंसा की है.

दीपक बिरुवा, विशेष समिति के संयोजक

संबंधित सभी अधिकारियों व कर्मियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी हो

एससी-एसटी अधिकारियों को पिछली तिथि से प्रोन्नति देने की अनुशंसा

एसटी-एसटी के बदले सामान्य जाति को प्रोन्नति देने के मामले में होगी कार्रवाई

sपिछले बजट सत्र में गठित हुई थी कमेटी

विधायक बंधु तिर्की ने पिछले बजट सत्र में श्रम विभाग में एससी-एसटी के प्रोन्नति में हुई अनियमितता का मामला उठाया था. इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की विशेष समिति गठित की थी. इसमें विधायक दीपक बिरुआ को सभापति और विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा व सरफराज अहमद को सदस्य बनाया था. वहीं विधायक बंधु तिर्की को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया था. इस पर मंथन को लेकर कमेटी की सात से आठ बैठकें हुई.

कमेटी ने सभी एससी-एसटी विधायकों को बुलाकर कर उनके साथ बैठक की थी. कमेटी के सदस्यों ने मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव समेत अलग-अलग विभागों के साथ बैठक की. इसके बाद कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मिल कर आग्रह किया था कि जब तक कमेटी की अनुशंसा नहीं आ जाती है, तब तक एससी-एसटी कर्मियों की प्रोन्नति पर रोक लगायी जाये. इसके बाद सरकार ने एससी-एसटी कर्मियों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी. कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन बार अवधि विस्तार दिया गया था. कमेटी को 21 फरवरी तक रिपोर्ट सौंपने का समय निर्धारित किया गया था. कमेटी ने पिछले वर्षों में एससी-एसटी कर्मियों को दी गयी प्रोन्नति की जांच की थी.

Posted By : Sameer Oraon

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