Bihar Cabinet Expansion: बसपा (BSP) से जदयू (JDU) में शामिल हुए विधायक मोहम्मद जमा खान (MLA Zama Khan) को नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) में जगह दी गयी है. मंगलवार को आयोजित शपथग्रहण समारोह में जमा खान भी उन 17 चेहरों में शामिल रहे जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली. जमा खान को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विपक्ष ने सवाल उठाया है.
सवाल इस बात का है कि जमा खान की हिस्ट्री दबंग नेता के रूप में रही है. उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था, उसमें उन्होंने अपने ऊपर हत्या, हिंसा भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में चल रहे मुकदमे का जिक्र किया था.
अगर गौर करें तो कैबिनेट में स्वच्छ छवि वाले चेहरों को ही शामिल करने की परंपरा नीतीश कुमार ने बरकरार रखी है, लेकिन जमा खान के ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. कई मामलों में कोर्ट ने उनके खिलाफ संज्ञान में ले रखा है. खुद विधानसभा चुनाव में जमा खान की तरफ से जो शपथ पत्र दिया गया है उसके मुताबिक उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 324, 307 के तहत मामले दर्ज हैं. हत्या की कोशिश जैसा 307 का गंभीर मुकदमा उनके ऊपर है और साथ ही साथ आर्म्स एक्ट के मामले में उनके खिलाफ संज्ञान भी लिया जा चुका है. जमा खान खुद अपनी एफिडेविट में इसकी चर्चा की है.
ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी दागी को मंत्रिमंडल में जगह क्यों दे रहे हैं? बता दें कि इससे पहले पहले जब मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था तब विपक्ष ने जमकर बवाल किया था. उन्होंने सीएम नीतीश पर कई सवाल उठाए थे. इस वजह से मंत्री पद ग्रहण करने के चंद घंटों बाद ही मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा था.
मोहम्मद जमा खान चैनपुर विधानसभा सीट से बसपा के एक मात्र विधायक चुने गए थे. हाल ही में उन्होंनो जदयू की सदस्यता ग्रहण की. वो चैनपुर विधानसभा के नौघड़ा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता साहब जमा खान उस गांव के बड़े किसान हैं. जमा खान ने अपनी पढ़ाई लिखाई बनारस से की है. वो बनारस डीएवी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं.
जमा खान ने बीएचयू से ग्रेजुएशन की है. उन्होंने पहली बार कैमूर जिले में 2002 में जिला परिषद का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. 2005 में वे बीएसपी की टिकट पर महाबली सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन तब भी उनकी हार हो गई थी.
Posted By: Utpal kant