देश की सर्वोच्च न्यायालय ने 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर ट्वीट कर कथित तौर पर लोगों को गलत जानकारी देने के मामले में दर्ज FIR में सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) , राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) , मृणाल पांडे एवं अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की बेंच ने यह फैसला सुनाया.
Supreme Court stays arrest of Congress leader Shashi Tharoor, & senior journalists, while hearing the petition challenging registration of multiple FIRs against them for allegedly sharing certain unconfirmed news on death of a protester, during the tractor rally on Republic Day. pic.twitter.com/DAv5Jy7uIp
— ANI (@ANI) February 9, 2021
बता दें कि किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के दौरान लोगों के गलत जानकारी देने के मामले में कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी कारवां पत्रिका के संपादक विनोद जोस के लिए पेश हुए. उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने केवल तथ्यों को रिपोर्ट किया और प्रस्तुत किया कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने का सवाल ही नहीं उठता.
मालूम हो कि नोएडा पुलिस ने कांग्रेस नेता शशि थरूर(Shashi Tharoor), पत्रकार राजदीप सरदेसाई (Journalist Rajdeep Sardesai), मृणाल पांडे और जफर आगा के खिलाफ FIR दर्ज किया था. इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने गणतंत्र दिवस (Republic Day)के मौके पर अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए गलत जानकारी शेयर कर हिंसा फैलाने का काम किया. कुल 8 लोगों के खिलाफ ये FIR हुई थी. अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर दर्ज की गयी थी.
मालूम हो कि मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों का राधानी दिल्ली में पिछले 2 महीनों से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं. वहीं 26 जनवरी को किसानों ने राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला था. ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हिंसा भी हुई थी, जिसमें 300 से ज्यादा दिल्ली पुलिस के जवान घायल हुए थें. वहीं किसानों को भी चोटें आयीं थीं.