23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तराखंड के जलप्रलय ने बिहार की बढ़ायी चिंता, हिमालय भी दे चुका है खतरे का संकेत, समय रहते करनी होगी तैयारी

उत्तराखंड में हाल में ग्लेशियर पिघलने के कारण जो बड़ा हादसा हुआ है उसने अब उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि बिहार की भी चिंता बढ़ा दी है. यह ताजा त्रासदी बिहार के लिए खतरे की घंटी बनकर सामने आई है. जिसके लिए बिहार को समय रहते ही तैयारी करनी होगी. अब समय आ गया है कि बिहार को जलप्रलय के मंडरा रहे खतरों से निपटने के लिए मजबूत तैयारी करनी होगी. नहीं तो नेपाल में हिमालय व दूसरी तरफ उत्तराखंड का जलप्रलय बिहार में गंगा का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ा सकता है जिससे विकट समस्या सामने आ जाएगी.

उत्तराखंड में हाल में ग्लेशियर पिघलने के कारण जो बड़ा हादसा हुआ है उसने अब उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि बिहार की भी चिंता बढ़ा दी है. यह ताजा त्रासदी बिहार के लिए खतरे की घंटी बनकर सामने आई है. जिसके लिए बिहार को समय रहते ही तैयारी करनी होगी. अब समय आ गया है कि बिहार को जलप्रलय के मंडरा रहे खतरों से निपटने के लिए मजबूत तैयारी करनी होगी. नहीं तो नेपाल में हिमालय व दूसरी तरफ उत्तराखंड का जलप्रलय बिहार में गंगा का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ा सकता है जिससे विकट समस्या सामने आ जाएगी.

बिहार के उपर दोतरफा खतरा मंडराने का कारण एक तरफ उत्तराखंड और दूसरी तरफ नेपाल है. उत्तराखंड में हाल में आया जलप्रलय बिहार के लिए चेतावनी है. वहीं चार साल पहले नेपाल में हिमालय के सुनकोसी के गर्भ में हुआ भूस्खलन बिहार को पहले ही खतरे की घंटी बजा चुका है. नेपाल या उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने का नुकसान बिहार को भी है. गंगा के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़त पूरे सूबे को संकट में घेर सकती है.

चार साल पहले जब नेपाल में भूस्खलन हुआ तो बिहार के कोसी नदी का जलस्तर आठ फीट की उंचाई से बिहार आने की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि भाग्य ने बिहार का साथ दिया था और किसी भी तरह की ऐसी अनहोनी यहां टल गयी थी. अब जिस तरह उत्तराखंड में ग्लेशियर पिघला है वो अगर हिमालय में होता है तो बिहार के सामने बड़ी समस्या खडी हो जाएगी.

Also Read: नीतीश कुमार के बहाने शिवसेना पर बरसे अमित शाह, विपक्ष ने बताया भाजपा का प्रेशर पॉलिटिक्स, गरमायी बिहार की सियासत

बिहार को समय रहते इसके लिए सचेत रहना जरूरी है. प्रदेश को केंद्र से इस तरफ सहायता मांगने की भी जरूरत है. अगर आपदा बल अभी ही इस तरफ अपनी तैयारी शुरू कर दे तो भविष्य की किसी भी तरीके के अनहोनी से प्रदेश को बचाया जा सकता है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें