प्रह्लाद कुमार, पटना. राज्य में हर घर नल का जल का काम लगभग पूरा हो गया है. ऐसे में अब योजना के पार्ट टू में पंचायती राज विभाग और पीएचइडी ने पानी की बर्बादी करने पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का निर्णय किया है. इसको लेकर दोनों विभागों ने संयुक्त रूप से अपना प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष रखा है, जिस पर सहमति मिल गयी है.
अब बहुत जल्द विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा. विभागीय स्तर पर योजना के पार्ट टू में लोगों को नियमित शुद्ध पानी मिले, इसको लेकर माइक्रो लेबल प्लानिंग की गयी है.
अगर उपभोक्ता जलापूर्ति का दुरुपयोग करते पकड़े पाये गये, तो ग्राम पंचायत द्वारा दंड लगाया जायेगा. प्रथम घटना में 150 रुपये, दूसरी बार 400 रुपये और तीसरी बार 5000 जुर्माना लगाया जायेगा. वहीं, उस घर से पानी की सप्लाइ का कनेक्शन काट दिया जायेगा. यदि दोषी उपभोक्ता जुर्माना नहीं देता है, तो सर्टिफिकेट वाद दायर करते हुए जुर्माना वसूला जायेगा.
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l पीने को तीन लीटर
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l खाना बनाने को 10 लीटर
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l स्नान को 15 लीटर
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l घरेलू काम के लिए 15 लीटर
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l शौचालय, कपड़ा धोने व
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स्वच्छता के लिए 15 लीटर
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l पशुओं के पीने व अन्य उपयोग
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के लिए 12 लीटर
विभाग ने निर्णय लिया है कि एक बार गृह जल का कनेक्शन कटने के बाद उपभोक्ता द्वारा बकाया और जुर्माना देने के बाद वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के आदेश ही दोबारा गृह जल कनेक्शन को दिया जायेगा.
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l घर के कनेक्शन में टोटी खराब होने पर तुरंत
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बदला अनिवार्य है.
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l पानी से जानवरों को स्नान कराना गलत है.
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l गाड़ी धोने, घर धोने और इस तरह के कामों
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के लिए पानी का उपयोग नहीं करना है.
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l पानी का लीकेज बंद रखना है. अगर कहीं से
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लीकेज होता है, तो तुरंत टॉल फ्री नंबर पर
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फोन कर शिकायत करना है.
अगर उपभोक्ता योजना में मोटर पंप का उपयोग करता है, तो पंचायत स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 5000 का जुर्माना लगाते हुए संपत्ति को जब्त करेगी. इसके बाद भी यही काम करने पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी प्राथमिकी दर्ज करायेंगे. यदि उपभोक्ता जुर्माना नहीं देता है तो सर्टिफिकेट वाद दायर कर जुर्माना वसूला जायेगा.
Posted by Ashish Jha