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बिहार के जंगल करेंगे पर्यटकों को आमंत्रित, इको-टूरिज्म स्पॉट बनेगा ब्रह्मयोनि पहाड़, बाराचट्टी में होगा जंगल सफारी

प्राकृतिक रूप से संपन्न गया जल्द ही बिहार में इको-टूरिज्म का एक शानदार स्पाॅट बन जायेगा. जिले के जंगलों और पहाड़ों को संरक्षित करने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर कई प्रोजेक्टों को मंजूरी मिल गयी है.

प्रसनजीत, गया. प्राकृतिक रूप से संपन्न गया जल्द ही बिहार में इको-टूरिज्म का एक शानदार स्पाॅट बन जायेगा. जिले के जंगलों और पहाड़ों को संरक्षित करने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर कई प्रोजेक्टों को मंजूरी मिल गयी है.

पिंडदान को लेकर बड़ी संख्या में हिंदू धर्मावलंबी और महात्मा बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया के प्रति आस्था को लेकर बड़ी संख्या में पर्यटक पूरे साल गया आते हैं. धार्मिक स्थलों को देखने के साथ-साथ पर्यटक गया में प्रकृति का भी आनंद ले सकेंगे.

गया जिले के रहने वाले लोगों के लिए इको-टूरिज्म मनोरंजन का एक बेहतर माध्यम बनने जा रहा है. इको- टूरिज्म के दो प्रमुख केंद्र होंगे ब्रह्मयोनि पहाड़ और बाराचट्टी स्थित गौतम बुद्ध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी. एक जगह पार्क और माउंटेन ट्रेकिंग का आनंद लिया जा सकता है, तो दूसरी जगह जंगल सफारी का.

इको-टूरिज्म निश्चित तौर पर गया को आर्थिक रूप से सबल भी बनायेगा. यह लोगों के रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनेगा. सबसे प्रमुख बात गया की प्राकृतिक संपदा का संरक्षण हो सकेगा.

ब्रह्मयोनि पहाड़

देश के 200 शहरों में केंद्र सरकार ने नगर वन तैयार करने का निर्णय लिया है. पहले चरण में 19 शहरों का चयन किया गया है. गया का ब्रह्मयोनि पर्वत बिहार में चयनित पहला स्थल है. पहाड़ पर 50 हेक्टेयर यानी 127.55 एकड़ में नगर वन तैयार किया जायेगा. ओटीए एरिया से शुरू हो कर हदहदवा महादेव मंदिर क्षेत्र तक इसका निर्माण होगा. लगभग 4.25 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में कई बेहतरीन चीजों को शामिल किया गया है.

नगर वन में नक्षत्र गार्डन तैयार होगा. 27 अलग-अलग नक्षत्रों के नाम पर एक पूरा क्षेत्र होगा. इस जगह में नक्षत्रों के मुताबिक पौधे लगाये जायेंगे. नगर वन का एक हिस्सा स्मृति वन का होगा. 1.5 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाले स्मृति वन में पिंडदान करने आने वाले लोग अपने पूर्वजों की याद में पौधा लगा सकेंगे. पौधे के साथ पत्थरों के शिलापट्ट में अपने पूर्वजों का नाम और पता लिखवायेंगे, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी कभी गया आये, तो वे भी अपने पूर्वजों के पेड़ को पहचान सकें.

नगर वन में मनोरंजन के लिए बेंगलुरु में बने पार्कों की तरह रॉक गार्डन होगा. यहां चेस गार्डन होगा, जो चेस खेलने के शौकीन लोगों के लिए मनोरंजन का साधन होगा. वन क्षेत्र में साइकिल ट्रैक और माउंटेन ट्रेकिंग की भी सुविधा होगी. वन विभाग की देखरेख में तैयार होने वाला यह प्रोजेक्ट संभवत: साल के अंत तक पूरा हो जायेगा.

गौतम बुद्ध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

गया रेलवे स्टेशन से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर जीटी रोड पर स्थित बाराचट्टी क्षेत्र में 1400 हेक्टेयर यानी 3459.4 एकड़ क्षेत्र में फैला विशाल वन क्षेत्र गौतम बुद्ध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के नाम से जाना जाता है.

झारखंड के वन क्षेत्र से सटा यह इलाका जल्द ही जंगल सफारी का एक महत्वपूर्ण स्थान बन जायेगा. वन विभाग इस क्षेत्र को इको टूरिज्म स्पाॅट बनाने की तैयारी कर रहा है. वन क्षेत्र में 200 हेक्टेयर एरिया में ग्रासलैंड डेवलप किया जा रहा है, ताकि शाकाहारी जीवों को भोजन मिल सके.

शाकाहारी जीवों की बढ़ी संख्या मांसाहारी जीवों को भी बढ़ने में मदद करेगा. इस जंगल क्षेत्र में चीतल, सांभर, बार्किंग डाॅग, नील गाय, स्लॉथ, जंगली भालू, प्रोक्यूपाइन, पैंगोलिन व अन्य कई प्रकार के जानवर पाये जाते हैं. वन क्षेत्र में पर्यटकों के ठहरने से लेकर जंगल सफारी करने तक की पूरी व्यवस्था होगी. यह छुट्टियां मनाने का बढ़िया माध्यम साबित होगा.

Posted by Ashish Jha

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