उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गयी. ऋषिगंगा नदी पर अचानक आये बाढ़ के कारण कई लोग बह गये. अचानक आयी तबाही की वजह से 125 लोग लापता बनाये जा रहे हैं, जबकि अब तक 10 शव भी बरामद कर लिये गये हैं. लेकिन इस दौरान आईटीबीपी के जाबांज जवानों ने सुरंग में फंसे सभी 16 लोगों को बचा लिया.
आईटीबीपी के जवानों के रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि जब सुरंग से लोगों को बाहर निकाला गया तो लोगों ने जवानों को हाथ जोड़कर नमन किया और जिंदगी बचने की खुशी में झूमते नजर आये.
आईटीबीपी के जवानों में ऑपरेशन के दौरान उस समय और उमंग बढ़ गयी जब, उन्होंने फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया. वायरल वीडियो में जवानों को जोर लगा के हईशा कहते हुए सुना जा सकता है. जवानों ने बताया कि उन्होंने कैसे लोगों का पता लगाया और उन्हें बाहर कैसे निकाला.
आईटीबीपी के जवानों ने बताया कि सुरंग में फंसे कुछ लोगों के मोबाइल फोन चल रहे थे. जिससे उनके लोकेशन मिल गई. मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही जवान फंसे लोगों तक पहुंचे और उन्हें सुरंग से बाहर निकाला.
IG NDRF ने बताया, विभिन्न एंजेसियां काम कर रही हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके. जो लोग सुरंग के बाहर फंसे थे उन्हें ITBP द्वारा सुरक्षित निकाला गया है. जो लोग सुरंग के अंदर फंसे हैं उन्हें बचाने का कार्य जारी है.
#WATCH | Uttarakhand: ITBP personnel rescued all 16 people who were trapped in the tunnel near Tapovan in Chamoli. pic.twitter.com/M0SgJQ4NRr
— ANI (@ANI) February 7, 2021
राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है. हालांकि अंधेरा होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में दिक्कत हो रही है. हादसे वाली जगह पर आईटीबीपी, NDRF और SDRG की कई टीमें मौजूद हैं.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ़ से दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 125 से ज्यादा मजदूर लापता हो गए. सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और तपोवन क्षेत्र में स्थित जिन दो सुरंगों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां मुस्तैदी से बचाव कार्य चल रहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की. बाढ़ आने के समय 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा परियोजना और एनटीपीसी की 480 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना में लगभग 176 मजदूर काम कर रहे थे जिसकी पुष्टि मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं की. इनके अलावा, ऋषिगंगा परियोजना में डयूटी कर रहे दो पुलिसकर्मी भी लापता हैं. हालांकि, इन 176 मजदूरों में से कुछ लोग भाग कर बाहर आ गए.
Posted By – Arbind kumar mishra