उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी तबाही आयी है. रविवार को चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में भीषण बाढ़ आ गयी. अचानक आयी तबाही में करीब 150 लोगों के मारे जाने की खबर है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार अब तक तीन शव बरामद कर लिये गये हैं.
इधर ठंड में ग्लेशियर टूटने की घटना से वैज्ञानिक भी परेशान और हैरान हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड में ग्लेशियर टूटना हैरानी भरा है. हालांकि अभी तक ग्लेशियर टूटने की सही वजह स्पष्ट नहीं हो पायी है.
ग्लेशियर टूटने से आयी विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इधर बाढ़ से ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है. साथ ही चमोली और हरिद्वार में नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटने के लिए बोल दिया गया है.
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे ग्लेशियर से आयी बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया जिससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर बसे रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भूकटाव हो रहा है.
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आयी है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. रावत ने ट्वीट किया, राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है.
नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजर रख रही है. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.
शाह ने कहा, पीड़ित लोगों के राहत, बचाव के लिए एनडीआरएफ बलों को तैनात किया गया है, अतिरिक्त बचावकर्ताओं को विमान के जरिए दिल्ली से उत्तराखंड ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड में हालात पर लगातार नजर रख रही है.
क्या कहना है प्रत्यक्षदर्शियों का
चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रातः अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा. पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन का दल पहुंच गया है और नुकसान का जायजा लिया जा रहा है.
रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनन्दा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है. रैणी में सीमा को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है. दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra