Raj Yoga 2021: 9 से 11 फरवरी तक एक बड़ा ही दुर्लभ योग बनने वाला है. ऐसा संयोग सामान्यत: देखने को नहीं मिलता है. इस दौरान मकर राशि में 6 ग्रह एकसाथ होंगे. ज्योतिष के अनुसार मकर राशि में शनि और बृहस्पति का संचार लम्बे समय से चल रहा है. वहीं, बीते माह सूर्य और शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होने के कारण चतुर्ग्रही योग बना हुआ है. इसके बाद 5 फरवरी दिन गुरुवार को वक्री बुध का भी मकर राशि में प्रवेश हो गया है.
इसके बाद नौ फरवरी की रात आठ बजकर 31 मिनट पर चन्द्रमां भी मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इससे मकर राशि में एकसाथ छह ग्रह शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध एवं चन्द्रमा मौजूद रहेंगे. जिसके कारण मकर राशि में षड्ग्रह योग बनेगा. ज्योतिषीय दृष्टि से यह योग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है. इस तरह के योग बनने पर अच्छे-बुरे दोनों तरह के परिणाम होते है. इस बार ये षड्ग्रह योग नौ फरवरी की रात 8 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 11 फरवरी की पूरी रात तक उपस्थित रहेगा.
मकर राशि में बनने वाले इस षड्ग्रह योग में शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध और चन्द्रमा ये छह ग्रह एकसाथ होंगे. इसके मिश्रित परिणाम मिलेंगे. कुछ लोगों को तनावपूर्ण स्थितियां भी सामने आएंगी. सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा, सूर्य-बृहस्पति से जीवात्मा योग, बृहस्पति-चन्द्रमा से गजकेसरी योग और शुक्र-चन्द्रमा से लक्ष्मी योग बनेंगे. ये सभी शुभ योग हैं. शनि-चन्द्रमा की युति से विष योग, सूर्य-चन्द्रमा से अमावस्या योग बनेगा. ये तनाव बढ़ाने वाले योग हैं, लेकिन इस पूरे षड्ग्रह योग में सबसे अच्छी बात ये है के चारों शुभ ग्रह (बृहस्पति, शुक्र, बुध, चन्द्रमा) एकसाथ आ गए हैं. ये षड्ग्रह योग सामाजिक, राजनैतिक और प्राकृतिक उठापटक तो कराएंगे, लेकिन अधिकांश परिणाम शुभ होंगे.
ज्योतिष के अनुसार, मकर राशि में इन छह ग्रहों का एकसाथ होना राजयोग निर्मित करता है. इस योग का बनना उन्नति एवं समृद्धि दिखाता है. यानी बीते वर्ष कोरोना और लॉकडाउन से जो रोजगार एवं आर्थिक समस्याएं बढ़ी थी. अब वे इस साल खत्म हो जाएंगी. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए रोजगारों के साथ आर्थिक उन्नति होगी.
शनि की राशि में इतने ग्रहों का एकसाथ योग नई तकनीक सामने लाएगा और तकनीकी क्षेत्र में सफलता मिलेगी. इस योग में सूर्य, बृहस्पति और शनि एकसाथ है, ऐसे में इस वर्ष देश आगे बढ़ेगा. भारत की कुंडली के अनुसार इस षड्ग्रह योग में खास बात यह भी है कि पराक्रम भाव को सीधी दृष्टि से देखेगा. ऐसे में आने वाले समय में भारत का पराक्रम और सैन्यबल और अधिक सशक्त होगा.
इस षड्ग्रह योग में शनि, सूर्य और चन्द्रमा एकसाथ होना ज्योतिषीय दृष्टि से नकारात्मक योग भी बनाता है. ऐसे में नौ फरवरी की रात इस योग के बनने के बाद कुछ दिनों के अंदर अधिकांश लोगों में मानसिक तनाव, घबराहट और तनाव की समस्या बढ़ेगी. इस स्थिति में जिन लोगों को पहले से तनाव है वे सावधानी रखें.
इस महीने राजनैतिक उठापटक की स्थिति भी बन सकती है. सामाजिक स्तर पर भी लोगों में रोष और आपसी तनाव बढ़ सकता है. ये षड्ग्रह योग लगभग दो दिन 10 एवं 11 फरवरी) के लिए ही बनेगा. ऐसे में इन दो दिनों में अपने व्यवहार और मानसिक स्थिति पर बहुत संयम रखें, लेकिन इस योग का प्रभाव आने वाले दिनों में पूरे माह तक ही रहेगा.
Posted By: Radheshyam Kushwaha