पटना. जनता दल युनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को पत्र लिख कर कहा है कि वो अपने पिता रामविलास पासवान से राजनीति सीखें. पत्र में त्यागी ने चिराग से कहा है कि वो अपने पिता का यह पाठ हमेशा याद रखें कि राजनीति में अलग रास्ते होते हुए भी रिश्ते की निरंतरता बनी रहनी चाहिए.
जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि एनडीए के खराब प्रदर्शन पर मंथन से यह जानकारी मिली कि विधानसभा चुनाव में लोजपा के नकारात्मक रुख से राजद को मदद मिली और एनडीए के कई उम्मीदवारों की हार हुई.
उन्होंने कहा कि लोजपा ने जदयू और भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवारों के विरुद्ध चुनाव में उम्मीदवार खड़े किए और प्रत्यक्ष रूप से मुख्य विपक्षी दल राजद की मदद की. चिराग पासवान ने कई अवसरों पर चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार में जेल भेजने जैसे वक्तव्य दिये, जो अवांछनीय थे.
केसी त्यागी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर जदयू और लोजपा में कोई चर्चा नहीं हुई. भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने स्वीकार किया है कि लोजपा अधिक सीट की मांग कर रही थी, लिहाजा समझौता नहीं हो सका. ऐसे में बेहतर होता कि वे यह दोष भाजपा को देते.
2005 में जदयू और लोजपा अलग-अलग चुनाव मैदान में थे. अक्तूबर में फिर से चुनाव होने पर भी दोनों दलों ने अलग तरीके से चुनाव लड़ा. 2010, 2015 में संपन्न हुए किसी भी चुनाव में जदयू और लोजपा का गठबंधन नहीं रहा.
पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों एनडीए के घटक दल के रूप में चुनाव लड़े. यह सही है कि लोजपा पहले से ही भाजपा के साथ गठबंधन में थी और सीटों के बंटवारे को लेकर 2015 और 2019 लोकसभा में तालमेल किया.
केसी त्यागी ने कहा है कि हालांकि लोजपा 40 सीटें लड़कर मात्र दो सीटें ही प्राप्त कर सकी थी. 2019 के चुनाव को लेकर कभी भी लोजपा ने जदयू की भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. त्यागी ने अपने पत्र में लिखा कि लोजपा संसदीय बोर्ड ने उनके बारे में ऐसा वक्तव्य दिया जो वास्तविकता से दूर एवं भ्रामक है.
Posted by Ashish Jha