कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब है. इसके पहले ही सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ अन्य पार्टियों ने ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपने दल से जोड़ने की मुहिम तेज कर दी है. इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाये जा रहे हैं, ताकि युवा पार्टियों से जुड़ सकें.
तृणमूल कांग्रेस की बात करें, तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद राज्य के सत्तारूढ़ दल ने प्रशांत किशोर उर्फ पीके और उनकी अगुवाई वाली अगुवाई वाली इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) को अपनी चुनावी रणनीति का जिम्मा सौंपा.
उसके बाद से ही युवा और नये चेहरों के साथ तृणमूल कांग्रेस की जमीनी स्तर की लड़ाई को मजबूत करने के लिए पीके की टीम जुटी है. पीके की टीम ने ही युवा चेहरों से सदस्यता के लिए आवेदन करने के अभियान शुरुआत की. इसी का नतीजा है कि बिना किसी पूर्व राजनीतिक संबद्धता के करीब 6 लाख से अधिक युवाओं ने सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के लिए आवेदन किया.
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युवा ब्रिगेड का नेतृत्व तृणमूल युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी कर रहे हैं, जो तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस बार तृणमूल ज्यादा से ज्यादा नये चेहरों को मौका देने के मूड में है.
राज्य में प्रमुख विरोधी दल के रूप में उभरी भाजपा भी होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी युवा इकाई को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. माकपा भी अपनी खोयी ताकत वापस पाने के लिए पुराने ढर्रे को छोड़कर सोशल मीडिया पर सक्रिय हुई है, ताकि उनकी पार्टी से युवाओं को जोड़ा जा सके.
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि पार्टी से युवा वर्ग को जोड़ने के लिए उनकी पहल लगातार जारी रहेगी. इतना ही नहीं, 28 फरवरी को कांग्रेस और वाम दलों की होने वाली ब्रिगेड रैली में भी बेरोजगारी व युवाओं की अन्य समस्याओं को सुलझाने की मांगों को तवज्जो दी जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha