camel smuggling news update, camel smuggling in jharkhand पाकुड़ : पाकुड़ में 21 दिनों के अंदर दो बार में तस्करी के लिए ले जाये जा रहे कुल 29 ऊंटों को पकड़ा गया. इन ऊंटों को तस्कर राजस्थान से खरीदते हैं. वहां से बॉर्डर पार कर ऊंटों को पैदल ही हरियाणा ले जाया जाता है. वहां से ट्रक में लोड कर ऊंटों को पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया जाता है. ट्रक में चालक व खलासी के अलावा तस्कर का एक प्यादा (ऊंट की देखरेख करने वाला) भी रहता है. मुख्य सरगना कोलकाता में बैठ कर फोन पर सारी चीजों को डील करता है.
तस्कर व उसके खास लोग ट्रक से कुछ दूरी बनाकर कार से चलते हैं. ट्रक के चालक को डेढ़ से दो लाख रुपये नकद दिया जाता है, ताकि रास्ते में जहां कहीं भी चेकिंग हो तो वहां वह पैसा देकर ट्रक को निकाल ले जाये. दूसरी बात यह कि जिन जिलों से ट्रक पार करता है, वहां तस्कर पहले से सेटिंग किये रहता है. इसके अलावा तस्कर के प्यादा को यह कह कर एटीएम कार्ड दिया जाता है कि अगर चालक को दिये पैसे से बात नहीं बनती है, तो वह एटीएम से पैसा निकाल कर देगा.
इसके बाद भी अगर बात नहीं बनती है, तो सरगना अपने खास गुर्गे को संबंधित अधिकारी के पास मामला सलटाने के लिए भेजता है. जैसा कि पाकुड़ के रेंजर अनिल कुमार सिंह को मैनेज करने की कोशिश की गयी. मैनेज नहीं होने पर उन्हें धमकी दी गयी.
पकड़े गये तस्करों के मुताबिक, ऊंटों को बूचड़खानों में बेचा जाता है. स्थानीय स्तर पर मांस की बिक्री के अलावा खाल को ऊंची कीमत पर बेचा जाता है. ऊंट के मांस व खाल की विदेशों में भी डिमांड है. जानकार बताते हैं कि देश में राजस्थान ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां 82 फीसदी ऊंट पाये जाते हैं. 20वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना के मुताबिक वर्ष 2012 में राजस्थान में 3.26 लाख ऊंट थे, जबकि 2019 में इसकी संख्या घटकर 2.19 लाख हो गयी.
Posted By : Sameer Oraon