Shattila Ekadashi 2021 Date: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी तिथि प्रत्येक माह में दो दिन और साल में 24 होती है. हर एकादशी का अलग-अलग महत्व भी होता है. इन सभी एकादशी तिथि को अलग-अलग नाम से जाना भी जाता है. माघ माह के कृष्ष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को षट्तिला एकादशी के नाम से जाता है. षट्तिला एकादशी के दिन मनुष्य को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखना चाहिए. इस साल षट्तिला एकादशी व्रत 7 फरवरी 2021 दिन रविवार को रखा जाएगा.
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षटतिला एकादशी 7 फरवरी 2021 दिन रविवार
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एकादशी तिथि प्रारंभ 7 फरवरी दिन रविवार 06 बजकर 26 मिनट पर
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एकादशी तिथि समाप्त 8 फरवरी दिन रविवार 04 बजकर 47 मिनट पर
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षट्तिला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
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इसके बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें.
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श्री हरि विष्णु का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें
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घर के मंदिर में श्री हरि विष्णु की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं.
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प्रसाद व फलों का भोग लगाएं.
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षटतिला एकादशी के दिन काले तिल के दान का बड़ा महत्त्व है.
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पंचामृत में तिल मिलाकर भगवान को स्नान कराएं
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भगवान को धूप-दीप दिखाकर विधिवत् पूजा-अर्चना करें
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अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
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आरती उतारें. पूरे दिन निराहार रहें. शाम के समय कथा सुनने के बाद फलाहार करें. रात में जागरण करें.
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इस दिन असहाय लोगों की विशेष रूप में मदद करनी चाहिए.
पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में पृथ्वी लोक पर एक ब्राम्हण परिवार में विधवा महिला रहती थी. जो भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी. जो पूरी श्रद्धा से श्री हरि की पूजन करती थी. एक बार महिला ने एक माह तक व्रत रखकर श्री हरि की उपासना की. व्रत के प्रभाव से उसका शरीर तो शुद्ध हो गया, लेकिन वह विधवा महिला कभी अन्न दान नहीं करती थी. तब एक दिन भगवान विष्णु स्वयं उस विधवा महिला के पास भिक्षा मांगने पहुंचे. जब श्री हरि ने भिक्षा मांगी तो उसने एक मिट्टी का पिण्ड उठाकर उन्हें दे दिया. जब महिला देह त्याग कर परलोक पहुंची तो उसे एक खाली कुटिया और आम का पेड़ मिला.
खाली कुटिया को देखकर महिला ने प्रश्न किया कि मैं तो धर्मपरायण हूं, फिर मुझे खाली कुटिया क्यों मिली? तब भगवान विष्णु ने कहा कि यह अन्नदान नहीं करने तथा मुझे मिट्टी का पिण्ड देने के कारण हुआ है. तब भगवान विष्णु ने उस महिला को बताया कि जब देव कन्याएं आपसे मिलने आएं, तब आप अपना द्वार तभी खोलना जब वो आपको षटतिला एकादशी के व्रत का विधान बताएं. इसके बाद महिला ने पूरे विधि-विधान के साथ षटतिला एकादशी का व्रत किया. जिससे उसकी कुटिया धन धान्य से भर गई.
Posted by: Radheshyam Kushwaha