Jharkhand News, Chaibasa News, चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) : झारखंड के कोल्हान यूनिवर्सिटी में पैसा लेकर माइग्रेशन जल्दी देने का एक मामला प्रकाश में आया है. इसको लेकर बुधवार (03 फरवरी, 2021) को छात्र प्रतिनिधियों ने यूनिवर्सिटी परिसर में जमकर हो- हंगामा किया. यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव कार्यालय में माइग्रेशन जल्दी बनाने के नाम पर पैसा वसूली होती है. इस मामले में कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं आरोपी कर्मचारी अभिषेक मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
यह खुलासा बुधवार को उस समय हुआ जब कोल्हान यूनिवर्सिटी के छात्र प्रतिनिधियों ने कार्यालय के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अभिषेक मिश्रा को पकड़ लिया. इसकी जानकारी मिलते ही कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने कहा कि माइग्रेशन के नाम पर राशि लेने संबंधित फाइल मेरे पास आया था. जिस पर उचित कर्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही विभागीय कार्रवाई को लेकर एक कमेटी बनायी गयी है. दूसरी ओर, मुझे फंसाने का साजिश किया गया है. माइग्रेशन के नाम पर पैसा नहीं लिया है.
कोल्हान यूनिवर्सिटी में जल्दी माइग्रेशन दिलाने के एवज में पैसे वसूली की जानकारी छात्र प्रतिनिधियों को मिली. छात्र प्रतिनिधियों ने कार्यालय के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अभिषेक मिश्रा को माइग्रेशन दिलाने के नाम पर पैसा लेने के आरोप में छात्र प्रतिनिधियों ने पकड़ा. जैसे ही कर्मचारी को पकड़ने की खबर मिली, वैसे ही कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ जयंत सिंह, प्रॉक्टर डॉ एमएन खान समेत अन्य पदाधिकारी माइग्रेशन वितरण केंद्र पहुंचे. यहां देखा कि स्टूडेंट्स से 200 से लेकर 500 रुपये तक राशि ली गयी है.
छात्र प्रतिनिधि सुबोध महाकुड़, पीपुन बारिक व मंजित हांसदा के नेतृत्व में राशि लेने के खिलाफ सैंकड़ों की संख्या में विद्यार्थी यूनिवर्सिटी के अंदर हो- हंगामा करने लगे. स्टूडेंट्स ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. स्टूडेंट्स ने कहा कि कर्मचारी पर उचित कर्रवाई नहीं होती है, तो आंदोलन करने को स्टूडेंट्स बाध्य होेंगे. बेरोजगार स्टूडेंट्स से इस तरह पैसा वसूली करना गलत है. वहीं, संबंधित विभाग के उप कुलसचिव- 2 मंगलेश्वर भगत पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
यूनिवर्सिटी परिसर में करीब 2 से 3 घंटे तक हो- हंगामा चलता रहा. कुलसचिव डॉ जयंत सिंह स्टूडेंट्स के बीच पहुंचकर मामले को शांत कराया. साथ ही कहा कि इस तरह का होना गलत है. कुलसचिव ने कर्मचारी को अगले आदेश तक कार्यालय में योगदान नहीं देने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के हित पर कार्य हो रही है. सरकार के शुल्क के अलावा अतिरिक्त शुल्क लेना अपराध है. इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.
इधर, माइग्रेशन देने के नाम पर स्टूडेंट्स से पैसा वसूली करने वाले उप कुलसचिव कार्यालय के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अभिषेक मिश्रा को कुलपति ने संस्पेंड कर दिया गया. कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने कहा कि माइग्रेशन के नाम पर राशि लेने संबंधित फाइल मेरे पास आया था. जिस पर उचित कार्रवाई करते हुए उसे संस्पेंड कर दिया गया. साथ ही विभागीय कार्रवाई को लेकर एक कमेटी भी बनायी गयी है.
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छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि उप कुलसचिव कार्यालय में माइग्रेशन के नाम पर लगातार पैसा लेने का मामला उठता रहा है, लेकिन कार्रवाई यूनिवर्सिटी की ओर से नहीं होता है. जबतक कार्रवाई नहीं होगी, तबतक आंदोलन जारी रहेगा. छात्र प्रतिनिधि सुबोध महाकुड़ ने कहा कि स्टूडेंट्स से जल्दी में माइग्रेशन देने के नाम पर पैसा लिया जाता है. इसकी जानकारी विभाग के प्रमुख को न हो यह हो नहीं सकता है. कुलपति से मांग कि इस उप कुलसचिव टू पर कर्रवाई किया जाये.
कोल्हान यूनिवर्सिटी में माइग्रेशन बनाने के लिए सरकारी शुल्क निर्धारित किया गया है. जिसमें 2 तरह का शुल्क बनाया गया है. अर्जेंट माइग्रेशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को 400 रुपये का चालान यूनिवर्सिटी के खाता में जमा करना होगा, जबकि 200 रुपये का शुल्क जमा कर एक सप्ताह के अंदर माइग्रेशन हासिल कर सकते हैं.
कोल्हान यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव-2 मंगलेश्वर भगत ने कहा कि माइग्रेशन के नाम पर पैसा लेना गलत है. हमारे पास सिर्फ हस्ताक्षर करने के लिए फाइल आता है. इस तरह की घटना फंसाने के उद्देश्य से भी होता है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.