पटना. बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने केदार भवन में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि किसान विरोधी तीन काले कानूनों को लेकर 69 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों में 100 से ज्यादा ने अपने प्राणों की आहुति दी है.
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशव्यापी रास्ता रोको आंदोलन के तहत बिहार के सभी नेशनल एवं स्टेट हाइवे सहित सभी सड़कों को छह फरवरी को 12 बजे से तीन बजे दिन तक जाम करने का निर्णय लिया गया है.
गांव- गांव से किसानों को सड़क पर उतरने का आह्वान करते हुए कहा कि आॅल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति के सभी घटक संगठन जी जान से इसकी तैयारी में लग गये हैं.
भाकपा -माले की राज्य स्थायी समिति की बैठक मंगलवार को राज्य कार्यालय में हुई. बैठक में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में किसान आंदोलन को नयी ऊंचाई और विस्तार देने का निर्णय लिया गया है.
किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार द्वारा साजिश रचने के खिलाफ छह फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशव्यापी चक्का जाम आंदोलन के समर्थन में सभी प्रखंडों पर मार्च निकाला जायेगा.
किसान आंदोलन के नेता सहजानंद सरस्वती के जन्म दिवस 23 फरवरी को भाकपा-माले ने किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है. वहीं, कॉरपोरेट कब्जे से खेती-किसानी को बचाने के लिए सभी जिलों में कन्वेंशन होगा.
बिहार विधानसभा के आगामी सत्र में 26 फरवरी को रसोइया संगठनों के प्रदर्शन,एक मार्च को आइसा-आरवाइए के विधानसभा मार्च, तीन मार्च को खेग्रामस , छह मार्च को स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के प्रदर्शन का निर्णय किया गया.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में मंगलवार को अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा भी आगे आयी है. इसकी घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशवाहा राकेश महतो ने कहा कि जो तीन कृषि कानून पास किये गये हैं उससे किसान मजदूर बनने को मजबूर हो जायेंगे.
कांग्रेस नेता सह अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि सगंठन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि किसानों के इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करेंगे. मौके पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष शंकर मेहता आदि थे.
Posted by Ashish Jha