आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार का अपने दिल्ली के नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है. बजट में भाजपा शासित एमसीडी को एक भी पैसा नहीं दिया.
दिल्ली भाजपा नेताओं और महापौर ने मंत्रियों से मुलाकात कर रुपये मांगे थे, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. केंद्र सरकार ने बजट में गाजियाबाद, गुरुग्राम और लखनऊ को रुपये दिए हैं लेकिन दिल्ली एमसीडी को कुछ नहीं दिया. आम आदमी पार्टी मानती है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार को भी समझ में आ गया है कि भाजपा दिल्ली इकाई पूरी तरह से भ्रष्ट है. भाजपा शासित एमसीडी को केंद्र सरकार ने इसलिए रुपये नहीं दिए क्योंकि वे जानते हैं कि दिल्ली भाजपा के नेता भ्रष्टाचार कर पूरे पैसे खा जाएंगे.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया. दुर्गेश पाठक ने कहा कि पूरे देश की कल निगाहें यूनियन बजट पर लगी हुई थी. देश की वित्त मंत्री बजट पेश कर रही थीं. पूरे देश की निगाहें इस बजट पर लगी हुई थी कि उन्हें इस बजट में क्या मिलेगा? हर व्यक्ति-हर नागरिक के लिए क्या है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी. साथ ही साथ दिल्ली के लोगों की भी निगाहें लगी हुई थी.
खासकर दिल्ली की जो एमसीडी है जिसमें पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी का शासन है उनके भी नेता, पार्षद, महापौर, सफाई कर्मचारी समेत अन्य सभी कर्मचारियों की निगाहें इस बजट पर लगी हुई थी. इस बजट में बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण चीजें रहीं और उसका एकमात्र कारण भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली की यूनिट है.
बजट में दिल्ली नगर निगम को कोई पैसा नहीं दिए जाने का उदाहरण देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि, हालांकि बजट में लोकल बॉडी को लेकर जो पैसों का आवंटन है वह पहले के मुताबिक बहुत कम रहा. पहले जहां लोकल बॉडी के अंदर प्रति व्यक्ति के अनुसार 488 रुपए मिलते थे.
इस बार उन्होंने प्रति व्यक्ति 206 रुपये दिए. उन्होंने गुड़गांव नगर निगम को, गाजियाबाद और लखनऊ नगर निगम को पैसे दिये. गाजियाबाद और गुड़गांव दिल्ली के बॉर्डर पर हैं और लखनऊ दिल्ली से मुश्किल से 5-6 घंटे कि दूरी पर है. इन सारी लोकल बॉडी को केंद्र सरकार ने पैसे दिए लेकिन दिल्ली की लोकल बॉडी यानि कि दिल्ली की नगर निगम को कोई पैसे नहीं दिए गए.
जबकि भारतीय जनता पार्टी के महापौर और नेता, कई मंत्रियों से भी मिले थे. भाजपा के नेता अनुराग ठाकुर से भी मिले थे. मुझे बताया गया कि वित्त मंत्री से भी मुलाकात हुई थी. भाजपा के नेताओं ने पैसों की भी मांग की थी कि हमें हमारे हिस्से का इतना पैसा दीजिए लेकिन केंद्र सरकार ने एक पैसा नहीं दिया.
दुर्गेश पाठक ने कहा, सरकार ने गुड़गांव, गाजियाबाद, लखनऊ को पैसा दिया लेकिन भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी को नहीं दिया. उसका केवल एक कारण है कि अब केंद्र सरकार को भी लगता है कि दिल्ली नगर निगम की भाजपा कि यूनिट चोर है. भारतीय जनता पार्टी में जितने भी नेता हैं वे सभी के सभी एक नंबर के चोर हैं.
अगर उन्हें पैसा दे भी दिया तो ये पैसा भी खा जाएंगे. भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की जो एजेंसी है उनको भी दिल्ली नगर निगम पर भरोसा नहीं रहा कि वो भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एमसीडी को कोई पैसा दे. उन्होंने एक भी रुपए नहीं दिए. इससे ज़्यादा और दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा कि जब खुद केंद्रीय मंत्री महापौर को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ने आए थे.
उनका धरना उठवाने आए थे. उसके बाद भी ऐसा नहीं है कि उन्हें स्थिति की जानकारी नहीं है. उनको भली-भांति पता है कि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी जा रही है. उनको पता है कि दिल्ली कितनी गंदी हो रही है लेकिन उसके बाद भी केंद्र सरकार के जितने भी नेता लोग हैं उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने भाजपा शासित एमसीडी को पैसा दिया तो ये सारा का सारा पैसा खा लेंगे. भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के नेताओं से केंद्र सरकार का भरोसा पूरी तरह से उठ गया है.