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आत्मनिर्भरता की खातिर बिहार में मिलेंगे 1500 नकद और 45 मुर्गी के चूजे, जानिये लाभ लेने के लिए करना होगा क्या काम

पशुपालन विभाग जिले के बीपीएल परिवार वालों के बीच मुर्गी पालन को बढ़ावा देने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1500 रुपये नकद देने के साथ उन्हें पालने के लिए 45 चूजे भी देगा.

भभुआ सदर. पशुपालन विभाग जिले के बीपीएल परिवार वालों के बीच मुर्गी पालन को बढ़ावा देने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1500 रुपये नकद देने के साथ उन्हें पालने के लिए 45 चूजे भी देगा. हालांकि, इसके लिए लाभ प्राप्त करनेवाले योग्य व्यक्ति को बीपीएलधारी व अनुसूचित जाति व जनजाति का होना जरूरी है. इसके लिए आवेदन करना होगा.

जिला सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ रानी कुमारी ने इस संबंध में बताया कि मुर्गी पालन के लिए लाभुकों द्वारा पिंजरे बना लेने के बाद से अब तक 100 लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है. जबकि, 600 लोगों को योजना का लाभ दिया जाना शेष है.

दरअसल, इस योजना के तहत पशुपालन विभाग को राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का लाभ लोगों को देना है. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को अनुदानित दर पर प्रति परिवार 45 चूजा दिये जायेंगे. जहां चूजा की कीमत प्रति 10 रुपये विभाग को देना होगा. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुर्गी पालन को लेकर बढ़ावा मिलेगा.

इस योजना से खास कर गरीब तबके के लोगों को फायदा होगा. इसके लिए सभी प्रखंडों के पशु चिकित्सा पदाधिकारी को अपने-अपने प्रखंडों से बीपीएल परिवारों की सूची के हिसाब से लाभ देने के लिए कहा गया है.

लाभ लेने से पहले बनाना होगा पिंजरा

पशुपालन विभाग के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को पहले पिंजरा बनवाना होगा. इसमें बांस तथा लोहे की जाली की मदद से पांच फुट लंबा तथा करीब तीन फुट चौड़ा पिंजरा बनवाना होगा. इसके साथ ही मुर्गियों के चुज्जा के पानी पीने के लिए वाटर फीडर भी रखना होगा.

इतना होने के बाद उसकी फोटो के साथ विभाग में आवेदन करने पर ऑनलाइन उसके खाता में 1500 रुपये की अनुदानित राशि भेजी जायेगी. उसके बाद 28 दिन पूरा करने वाले चुज्जा को प्रति चुजा का 10 रुपये के हिसाब से दिया जायेगा. उसके बाद चूजा का स्वामित्व खुद व्यक्ति होगा.

पिंजरा में चूजों को सुरक्षित रखने के लिए अनिवार्य किया गया है. ताकि किसी तरह से चूजों को बिल्ली या अन्य कोई मांसाहारी जानवर उनको अपना शिकार न बना सके. इस दौरान लाभुकों को मुर्गियों को सुरक्षित रखने के लिए समय समय पर चिकित्सक के सलाह से टीकाकरण भी कराना चाहिए.

Posted by Ashish Jha

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