Sarna Code News: खड़गपुर : सरना धर्म कोड की मांग पर आदिवासियों ने रविवार (31 जनवरी) को खड़गपुर-टाटानगर रेल पथ और मुख्य सड़क को जाम कर दिया. खड़गपुर-टाटानगर रेलवे स्टेशनों के बीच स्थित खेमाशुली रेलवे स्टेशन और खड़गपुर-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-6 को आदिवासी सेंगल संगठन ने जाम कर दिया.
संगठन की ओर से सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक रेल पथ और सड़क जाम करने का पहले से एलान कर दिया था. लेकिन, राज्य में टेट की परीक्षा को देखते हुए आदिवासी सेंगल ने अपने प्रदर्शन को कुछ घंटों के लिए टाल दिया. आखिरकार एक बजे रेल व सड़क रोको अभियान की शुरुआत की गयी.
सेंगल के सदस्यों ने आंदोलन के दौरान खेमाशुली स्टेशन पर खड़गपुर से टाटानगर की ओर जा रही और टाटानगर से खड़गपुर की ओर आ रही मालगाड़ी को खेमाशुली स्टेशन के निकट रोक दिया. संगठन के सदस्य आधा घंटा तक रेल लाइन पर खड़े होकर नारेबाजी करते रहे.
Also Read: किसानों को बेवकूफ बना रहीं ममता, बंगाल को रक्तरंजित किया, घुसपैठ को बढ़ावा दिया : अमित शाहइसके बाद सेंगल के सभी कार्यकर्ता खड़गपुर-जमशेदपुर मुख्य सड़क की ओर कूच कर गये. आदिवासी सेंगल संगठन के झाड़ग्राम जिला के सभापति संजय हेम्ब्रम ने बताया कि वे प्रकृति प्रेमी हैं. प्रकृति की पूजा करते हैं. जिस तरह से अनुच्छेद 25 के तहत भारतवर्ष में छह धर्मों को मान्यता प्राप्त है, उसी तरह केंद्र सरकार सारना धर्म को भी मान्यता दे.
संजय हेम्ब्रम ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो वे भविष्य में इससे भी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे. आंदोलन के कारण आधा घंटा तक रेल सेवा और करीबन डेढ़ घंटे तक सड़क यातायात प्रभावित रहा. इसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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