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Corona Vaccine: इस देश में 70 हजार लोगों को लगा दी फर्जी कोरोना वैक्सीन, तीन डोज की कीमत 3300 रुपये

Coronavirus vaccine: कोरोनावायरस संक्रमण को कम करने के लिए दुनिया भर में लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जा रहा है. कई देशों में अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. भारत में भी दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भी हो चुकी है. पहले फेज में करीब तीन करोड़ लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जायेगा.

Coronavirus vaccine: कोरोनावायरस संक्रमण को कम करने के लिए दुनिया भर में लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जा रहा है. कई देशों में अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. भारत में भी दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भी हो चुकी है. पहले फेज में करीब तीन करोड़ लोगों को कोरोना का वैक्सीन लगाया जायेगा.

कोरोना वैक्सीन आने के बाद दुनिया की कई एजेंसियों ने फर्जी वैक्सीन को लेकर आगाह किया था. अब फर्जी वैक्सीन का मामला सामने भी आने लगा है. दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में करीब 70 हजार लोगों को फर्जी कोरोना वैक्सीन लगाई गई है. एक प्राइवेट क्लिनिक में लोगों से कोरोना वैक्सीन के नाम पर 3300 रुपये तक वसूले गये.

क्लिनिक में लोगों को बताया गया कि कोरोना वैक्सीन की एक डोज की कीमत 1100 रुपये है और इसका तीन डोज लगवाना जरूरी है. बताया गया कि वैक्सीन का तीन डोज कोरोना से लड़ने में पूरी तरह कारगर है. इस प्रकार एक व्यक्ति से 3300 रुपये वसूले गये. अधकारियों ने कहा कि क्लिनिक के स्टाफ लोगों से कहते थे कि तीन डोज लेने के बाद ही कोरोना के खिलाफ इम्यून आयेगा.

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डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जब इस बात की जानकारी मिली तो जांच शुरू की गयी. जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर लोगों को वैक्सीन के नाम पर इंजेक्शन में कौन सा पदार्थ भरकर दिया गया. हालांकि अस्पताल अभी तक यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि क्लिनिक में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगायी गयी है.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

रिपोर्ट में दावा किया गया कि एक अंडरकवर एजेंट ने क्लिनिक में एक वीडियो बनाया जिसमें अस्पताल की एक डॉ लुसिया पेनाफील यह कहते हुए देखी जा रही हैं कि यहां करीब 70 हजार लोगों को ट्रीटमेंट दिया गया है. इस वीडिया के सामने आने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने क्लिनिक पर छापेमारी की और डॉ लुसिया का बयान लिया. अपने बयान से पलटते हुए डॉ लुसिया ने कहा कि यहां लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगायी गयी है.

डॉ लुसिया ने कहा कि यहां उन्हें विटामिन और सीरम की खुराके दी गयी है, जिससे उनका इम्यून मजबूत हो. स्थानीय लोगों ने क्लिनिक का बचाव किया है और कहा है यहां लोगों की जान बचायी गयी है. लोगों ने डॉक्टर का भी बचाव किया और कहा कि डॉक्टर यहां के लोगों के लिए भगवान हैं, उन्होंने कई जिंदगियां बचायी है. फिलहाल क्लिनिक बंद है और जांच चल रही है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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