आनंद तिवारी, पटना . कड़कड़ाती ठंड के साथ ही शहर के आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, एम्स व पीएमसीएच में इलाज कराने आ रहे ब्रेन हेमरेज के मरीजों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.
बेड फुल होने से इन अस्पतालों ने ब्रेन हेमरेज जैसे गंभीर मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया है. उनके लिए प्राइवेट अस्पताल का ही सहारा है.
एम्स ने अभी कोविड वार्ड को देखते हुए इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं की है. हालांकि, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच व एनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में 262 बेड के इमजरेंसी व करीब 200 बेड के आइसीयू वार्ड के इंतजाम का दावा है, जो फुल हो गये हैं.
पटना सहित पूरे बिहार से ब्रेन हेमरेज के गंभीर मरीजों को संबंधित अस्पतालों में रेफर किया जाता है. लेकिन आइसीयू में जगह नहीं होने से आइजीआइएमएस में रोजाना करीब चार, पीएमसीएच में पांच व एनएमसीएच में करीब तीन यानी कुल एक दर्जन अति गंभीर मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया जाता है.
14 जनवरी से 28 जनवरी यानी 15 दिनों में अब तक 180 से अधिक ब्रेन हेमरेज के मरीजों को बेड के अभाव में भर्ती करने से मना कर दिया गया है.
पिछले 15 दिन से विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीज आइसीयू में बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो इनमें दो दर्जन गंभीर मरीजों की मौत भी हो चुकी है.
पीएमसीएच में 40 बेड का बना न्यू हाइटेक इमरजेंसी वार्ड उद्घाटन के बाद भी अब तक चालू नहीं हो सका है. वहीं, आइजीआइएमएस में बनने वाले 500 बेड के अस्पताल में 100 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha