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अगले साल गांधी सेतु के दो लेन सहित तीन सड़कों की मिलेगी सौगात, इन जिलों से पटना आना होगा आसान

कोइलवर-बक्सर फोरलेन सड़क, आरा-मोहनिया फोरलेन सहित महात्मा गांधी सेतु के बचे हुए दो लेन का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है. इसके साथ ही पटना-डोभी फोरलेन सड़क भी 2023 तक पूरी हो सकती है.

पटना. राज्य में कोरोना का संकट कम होने के बाद सड़क परियोजनाओं के निर्माण में तेजी आयी है. कोइलवर-बक्सर फोरलेन सड़क, आरा-मोहनिया फोरलेन सहित महात्मा गांधी सेतु के बचे हुए दो लेन का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है. इसके साथ ही पटना-डोभी फोरलेन सड़क भी 2023 तक पूरी हो सकती है.

इन सड़कों में भूमि अधिग्रहण सहित सभी तरह की रुकावटें दूर हो गयी हैं. इस कारण निर्माण कार्य में तेजी आयी है. इन सड़कों का निर्माण होने से राजधानी पटना से राज्य के अन्य हिस्सों में आना-जाना बहुत आसान हो सकेगा.

आरा-मोहनिया फोरलेन सड़क

115 किमी लंबी आरा-मोहनिया एनएच-319 (नया) फोरलेन सड़क पर करीब 1390 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उम्मीद है कि यह सड़क 2022 तक बन जायेगी. इसके लिए फिलहाल भोजपुर और रोहतास जिलों के आठ गांव में करीब 10 फीसदी जमीन का अधिग्रहण होना है.

आरा-मोहनिया सड़क के फोरलेन बन जाने से शाहाबाद के चार जिलों के लोगों का वाराणसी और पटना के बीच आवागमन सुगम हो जायेगा. इन जिलों में भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर शामिल हैं. सितंबर 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सड़क का शिलान्यास वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया था.

कोइलवर-बक्सर फोरलेन की अड़चनें हुईं दूर

कोइलवर-बक्सर सड़क को 2020 में फोरलेन बनाने का लक्ष्य था, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण विलंब हुआ. अब यह समस्या दूर हो गयी है. 2022 तक फोरलेन का काम पूरा हो जायेगा. इस पर करीब 1700 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस सड़क का तीन भागों में बांटकर इसका निर्माण किया जा रहा है.

एक हिस्सा पटना से कोइलवर पुल तक, दूसरा हिस्सा कोइलवर पुल से आरा होते हुए शाहपुर तक और तीसरा हिस्सा शाहपुर से बलिया के भरौली गोलंबर तक है. इसमें बक्सर और डुमरांव को कवर किया गया है. फिलहाल एक सप्ताह में करीब चार से छह किलोमीटर का आधारभूत ढांचा तैयार हो रहा है. पटना से कोइलवर तक के हिस्से पर अक्टूबर 2021 तक आवागमन शुरू होने की संभावना है.

गांधी सेतु के बचे दोनों लेन मार्च 2022 तक होंगे चालू

गांधी सेतु के बचे दोनों लेन पर मार्च 2022 तक आवागमन शुरू होने की संभावना है. इस पुल के फोरलेन की मरम्मत का काम साल 2014 में करीब 1383 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था. इसे 2018 तक ही पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन तकनीकी समस्या से इसमें विलंब हुआ. फिलहाल पश्चिमी लेन की मरम्मत हो चुकी है. पूर्वी लेन की मरम्मत भी शुरू हो गयी है.

पटना-डोभी सड़क पर खर्च होंगे 1609 करोड़ रुपये

सूत्रों के अनुसार करीब 127 किमी लंबी पटना-डोभी सड़क को फोरलेन बनाने में करीब 1609 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. इसमें पटना जिले में 39 किलोमीटर के काम पर 649 करोड़, जहानाबाद जिले में लगभग 44 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण पर 496 करोड़ और गया जिला में पड़नेवाली लगभग 44.22 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में 464 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. भूअर्जन पर करीब 3283 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

पटना-डोभी के बीच पांच शहरों में बाइपास रोड बनाया जायेगा. इसकी मॉनिटरिंग लगातार पटना हाइकोर्ट द्वारा भी की जा रही है. इस सड़क में मखदुमपुर बाइपास और जहानाबाद बाइपास के काम में रुकावट थी. इसे दूर कर लिया गया है. वहीं, पटना जिले में भी रुक-रुककर काम हो रहा है. इस सड़क को बनाने का काम 2015 में शुरू हुआ था और इसे 2018 में पूरा करने का लक्ष्य था. जमीन अधिग्रहण की वजह से इसमें देर हुई.

Posted by Ashish Jha

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