बिहारशरीफ. पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिये परिवहन मंत्रालय ने नया आदेश जारी किया है. इसके तहत प्रथम फेज में आठ साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोड ग्रीन टैक्स फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय ही देना होगा. जबकि दूसरे फेज में 15 साल से पुराने प्राइवेट नंबर वाले वाहन पर यह टैक्स लगेगा.
वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है. परिवहन मंत्रालय ने पुराने वाहनों पर रोड ग्रीन टैक्स लेने की मंजूरी दी है. आठ साल से अधिक पुराने व्यवसायिक वाहनों से फिटनेस प्रमाणपत्र के रिन्यूवल के वक्त ही रोड टैक्स पर 10 से 25 फीसदी ग्रीन टैक्स लगाया जायेगा.
वाहन मालिकों के जेब पर खर्च का भार बढ़ जायेगा. वहीं 15 साल से अधिक निजी वाहनों पर भी रोड ग्रीन टैक्स लगेगा.
परिवहन मंत्रालय के आदेश से वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है. जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन जिसमें सिटी बस सहित अन्य वाहनों पर रोड ग्रीन टैक्स कम लगेगा.
कोरोना काल में वाहनों के बंद रहने से वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ अधिक आ गया था. इससे अभी तक उबरे नहीं थे. वहीं अब परिवहन मंत्रालय के आदेश लागू होने के बाद और आर्थिक बोझ बढ़ जायेंगे.
अत्यधिक प्रदूषित शहरों में निबंधित वाहनों पर 50 फीसदी का अधिकतम ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है. जबकि ईंधन और वाहन में अंतर हो सकता है. इसके अलावा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी, इथेनाल, एलपीजी आदि से चलने वाले वाहनों पर भी टैक्स लगेगा. जबकि परिवहन मंत्रालय ने कई वाहनों को इस टैक्स से मुक्त रखा है.
खेतों में उपयोग होने वाले वाहन जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टेलर, पावर टिलर जैसे वाहनों पर नहीं लगेगा टैक्स.
आठ साल से अधिक पुराने व्यवसायिक वाहन जैसे छोटे वाहन बोलेरो, स्कार्पियो, कार सहित बसों पर ग्रीन रोड टैक्स की श्रेणी में आयेंगे.
वाहनों के रोड टैक्स पर 10 से 25 फीसदी ग्रीन टैक्स देने होंगे. जबकि अधिक प्रदूषित वाले शहरों के वाहनों पर 50 फीसदी टैक्स लगेंगे.
नालंदा जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि परिवहन मंत्रालय के आदेश को शत-प्रतिशत लागू किया जायेगा.
व्यवसायिक वाहनों से फिटनेस प्रमाणपत्र निर्गत करने के समय ही ग्रीन रोड टैक्स लगेगा. अभी कार्यालय में आदेश नहीं आया है, लेकिन आदेश आते ही लागू किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha