अगर आप नौकरी पेशा से जुड़े हैं और चाहते हैं कि, आने वाले कुछ महीनों तक आपका इनकम टैक्स न काटा जाए, तो आप ऐसा कर सकते हैं. इसके लिए बस आपको समय रहते अपने टैक्स सेविंग के सारे कागजात जल्द से जल्द जमा करने होंगे. दरअसल, कई तरह के ऐसे निवेश है जहां इनवेस्ट कर आप टैक्स में छूट पा सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि 5 ऐसी जगह जहां निवेश कर आप अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं.
बैंक में 5 साल की एफडी: टैक्स बचाने के लिए अगर आप एफडी में निवेश कर रहे हैं तो आपको 5 साल की लॉक-इन अवधि के लिए निवेश करना होगा. अगर आप इससे कम अवधि के एफडी पर निवेश करते हैं तो आप टैक्स छूट का लाभ नहीं ले पाएंगे. यहां बता दें, बैंक में एफडी के रूप में निवेश कर आप ब्याज भी कमा सकते हैं. इस स्कीम में निवेश करने के बाद आपको जो ब्याज मिलता है वह टैक्स के दायरे में आता है.
ईएलएसएस में निवेश कर बचाया जा सकता है टैक्स : ईएलएसएस या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंडों में भी निवेश कर भी इनकम टैक्स से छूट लिया जा सकता है. दरअसल, ईएलएसएस या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है. ऐसे में किसी फाइनेंशियल ईयर में इन स्कीमों में डेढ़ लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. बता दें, ईएलएसएस फंड्स में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है.
होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट : अगर आप घर खरीदने या अपने पुराने घर की मरम्मत करवाने के लिए बैंक से होम लोन लिया है और लोन को इएमआई के रूप चुका रहे हैं तो आपको टैक्स सेविंग में फायदा मिलेगा. होम लोन के प्रिंसपल अमाउंट सेक्शन 80सी के तहत इसमें टैक्स में छूट मिलती है.
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम : देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS ) आयकर में छूट के लिए एक बेहतरीन योजना है. सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में अच्छा ब्याज दर मिलता है. गौरतलब है कि, इस स्कीम में किया जाने वाला निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत छूट के दायरे में आता है. ऐसे में इस निवेश से भी लोग आयकर में छूट पाया जा सकता है.
बच्चों की पढ़ाई पर है टैक्स छूट : बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली ट्यूशन फी ट्यूशन फीस इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में ही आती है. यह छूट सरकारी या प्राइवेट स्कूल, कॉलेज या किसी संस्थान में कोर्स करने के एवडज में जमा की गई ट्यूशन फीस पर मिलती है. हालांकि, यह छूट सिर्फ फुल टाइम रेगुलर कोर्स के लिए दो बच्चों की पढ़ाई पर ही मिस सकती है.
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