Republic Day Parade: पूरा देश आज गणतंत्र दिवस (26 January) के 72 साल का जश्न मना जा रहा है. इस बार का गणतंत्र दिवस कुछ खास है. पहली बार पड़ोसी मित्र देश बांग्लादेश (Bangladesh) के सशस्त्र बलों की टुकड़ी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया. राजपथ पर परेड की शुरुआत बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के संयुक्त दस्ते और उनके मिलिट्री बैंड की सलामी से ही शुरू हुई.
इस टुकड़ी में बांग्लादेश के 122 जवान शामिल हुए. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के पचास साल पूरे हो गए हैं. बांग्लादेश की इस टुकड़ी का नेतृत्व कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर शान और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान ने किया. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की इस टुकड़ी में 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए भाग लेने वाली यूनिट्स के सैनिक शामिल हैं.
इस युद्ध में बहादुर मुक्ति वाहिनी और भारतीय सेना ने दुश्मन के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर जीत हासिल की थी. बांग्लादेश के जवानों ने न केवल पहली बार भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने पर गर्व महसूस किया , बल्कि इसके जरिए वे भारत के उन जवानों के प्रति आभार भी व्यक्त किया जिन्होंने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
लेफ्टिनेंट कर्नल बनजीर अहमद की लीडरशीप वाले मार्चिंग बैंड ने “शोनो एकती मुजीबुर-अर थेके लोखो मुजीबुर” जैसा धुन बजाया है, जिसका अर्थ है “सुनो, मुजीबुर की आवाज सुनो, जिनके हजारों फॉलोअर्स है”. अहमद के अनुसार, सैनिक हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती की लौ के मशाल वाहक हैं. वे हमें 1971 की पीढ़ी के साथ जोड़ते हैं. हम गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार उन्हें सम्मानित करते हैं, क्योंकि भारत और बांग्लादेश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष मना रहे हैं और बांग्लादेश की आजादी के भी 50 साल हो रहे हैं.
Posted By: Utpal kant